प्रियंका गांधी के खिलाफ वाराणसी में लगे पोस्टर, सूर्पणखा से की तुलना

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वाराणसी में एक बार फिर पोस्टर वार छिड़ गया है। इस बार निशाने पर हैं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी। मलदहिया में लगे पोस्टरों में प्रियंका गांधी की तुलना सूर्पणखा से की गई है। पोस्टर लगाने वाला विश्व हिन्दू सेना प्रियंका से उनसे नाराज़ है। कारण है उनका कोटा में जिस तरह से सैकड़ों बच्चों की मृत्यु हुई और उन्होंने उन बच्चों के लिए संवेदना प्रकट नही की और ना ही उन्हें देखने गए।

कांग्रेस दफ्तर पर चस्पा किये पोस्टर

विश्व हिंदू सेना के संस्थापक अध्यक्ष अरुण पाठक ने उनसे पोस्टर के माध्यम से सवाल किए हैं और उन्हें वाराणसी के कांग्रेस कार्यालय पर चस्पा किये हैं। सवाल पीछे गए हैं कि कोटा से दूरी आखिर क्या है मजबूरी? अरुण पाठक ने इस बाबत कहा कि प्रियंका जामिया मिलिया इस्लामिया चली जाती हैं, दंगाई के परिवार में चली जाती हैं ,उनसे गहरी संवेदना है लेकिन कोटा नही जाती हैं जहां सैकड़ों बच्चों की मौत हुई है। क्या उनके परिवार में दर्द नही, क्या उन्हें सहानुभूति की आवश्यकता नहीं क्या सहानुभूति और संवेदना केवल जामिया मिलिया इस्लामिया में है क्या सहानुभूति और संवेदना केवल दंगा करने वाले मुस्लिम लड़के के घरवालों को है। इससे प्रतीत होता है कि प्रियंका केवल मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर अपना उल्लू सीधा करना चाहती हैं और जनता को बेवकूफ बना रही हैं। ऐसी मानसिकता वाली प्रियंका का हाल वही होगा जो सूर्पनखा का हुआ था।

CAA में विरोध करने जैसा कुछ भी नहीं

एकबार फिर अरुण पाठक ने जनता से अपील की है कि CAA में विरोध करने के लिए कुछ भी नहीं है। ये कांग्रेस द्वारा रचित एक साजिश है जिससे देशभर में दंगे हुए फसाद हुए। कांग्रेस जनता को सीधे तौर पर बरगला कर अपना राजनैतिक रोटियां सेंक रही है।मुसलमानों को CAA के नाम पर भड़काया गया। अब उन्हें भी CAA का मतलब समझ मे आने लगा है और परत दर परत साफ हो रही है। लोग कांग्रेस की चाल समझने लगे हैं। प्रियंका के इस रोल से हिन्दू काफी नाराज हैं।

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