ये हैं पद्मश्री ब्रह्मानंदम, गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है नाम

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भारतीय फिल्मों में कुछ ही अभिनेता होंगे, जिन्होंने छोटी से रोल शरुआत की और आज बुलंदियों पर हैं। ऐसी एक शख्सित है साउथ की फिल्मों के कॉमेडियन ब्रह्मानंदम। 1000 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके ब्रह्मानंदम को सभी पहचानते हैं। आज हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताएंगे, जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।

आन्ध्र प्रदेश में हुआ जन्म

-ब्रह्मानंदम का जन्म आन्ध्रप्रदेश के साटेनापल्ली जिले के मुपल्ला गांव में 1 फरवरी 1956 को हुआ था,उनके परिवार की आर्थिक हालत बेहद खराब थी।

-वो अपने माता-पिता की 8 संतानों में से 7वें नंबर के हैं।

-अपने पूरे परिवार में ब्रह्मानंदम इकलौते ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने एमए तक शिक्षा ली।

-पोस्ट ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने एक तेलुगु लेक्चरर के रूप में अत्तिल्ली कॉलेज में नौकरी शुरू कर दी।—कॉलेज में वे अक्सर छात्रों को मिमिक्री कर हंसाया करते थे।

बेस्ट सपोर्टिंग आर्टिस्ट का प्राइज

-एक बार ब्रह्मानंदम को इंटर कॉलेज ड्रामा प्रतियोगिता में बेस्ट सपोर्टिंग आर्टिस्ट का प्राइज मिला, जिसके बाद उनकी रूचि ड्रामा की ओर और भी बढ़ गई।

-ड्रामा करने के दौरान तेलुगु फिल्मों के डायरेक्टर जन्धयाला ने ब्रह्मानंदम को ‘मोद्दाबाई’ नाम के ड्रामा में एक्टिंग करते हुए पहली बार देखा।

-ब्रह्मानंदम की एक्टिंग से जन्ध्याला इतने इम्प्रेस हुए कि उन्होंने ‘चन्ताबाबाई’ नाम की फिल्म में ब्रह्मानंदम को एक छोटा सा रोल ऑफर कर दिया और इसी फिल्म से ब्रह्मानंदम के फिल्मी करियर की शुरुआत हुई।

-जन्ध्याला की दूसरी फिल्म ‘आहा न पेल्लानता’ में लोगों द्वारा ब्रह्मानंदम की एक्टिंग बेहद पसंद की गई. इस फिल्म के बाद वे फ़िल्मी दुनिया में मशहूर हुए।

1 करोड़ फीस लेते हैं

-ब्रह्मानंदम अब तक1000 से भी ज्यादा फिल्में कर चुके हैं।

-उन्होंने जुलाई, 2015 में अपनी फीस बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए की है और अब वो हर फिल्म के लिए 1 करोड़ रुपए चार्ज करते हैं।

-ये डिसीजन उन्होंने अपनी पॉपुलैरिटी और हिट फिल्मों की वजह से लिया है, किसी भी कॉमेडियन को इतनी फीस मिलना बड़ी बात है।

बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम

-ब्रह्मानंदम का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है।

-यह रिकॉर्ड 2007 में एक ही भाषा में 700 से अधिक फिल्मों में एक्टिंग करने के लिए दर्ज किया गया था।

-इतना ही नहीं सिनेमा में ब्रह्मानंदम के योगदान को देखते हुए उन्हें 2009 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।

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-60 वर्षीय यह एक्टर तीन दशक लंबे करियर में 1000 से अधिक फिल्में कर चुके हैं।

-उनकी कुछ सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में ‘अहा ना पेल्लानता’, ‘अप्पुला अप्पा राव’, ‘किंग’, ‘रेड्डी’, ‘रच्चा’ ‘आर्या 2’ और ‘बपालू’ शामिल हैं.

क्या कहते हैं ब्रह्मानंदम

-ब्रह्मानंदम कहते हैं कि भगवान का शुक्र है कि मैं बचपन से ही लोगों को हंसाने में कामयाब रहा हूं।

-उनका कहना है कि मेरे बहुत अच्छे दोस्त एमसीवी शशिधर जो कि डीडी-8 में चीफ प्रोग्रामिंग ऑफिसर थे, वो मुझे पॉपुलर राइटर आदि विष्णु के घर ले गए, उन्होंने कहा कि मैं काफी अच्छी स्टैंड कॉमेडी कर सकता हूं जिसे टीवी पर ऑनएयर किया जा सकता है. इसके बाद मुझे जन्ध्याला ने देखा और इस तरह मुझे 1985 में पहला ब्रेक मिल गया।

-ब्रह्मानंदम का कहना है कि उन्हें लगता है कि हर एक्टर मेरी ही तरह हार्ड वर्क करता है, लेकिन मुझे लगता है कि लोग अभी मुझे देखते हुए थके नहीं हैं।शायद इसी वजह से भगवान ने मुझे दुनिया में लोगों को हंसाने के लिए ही भेजा है।

-वो बताते हैं कि एक बार मेरे फ्रेंड के बेटे ने मुझसे यह पूछा कि आपका नाम ब्रम्हानंदम किसने रखा? मेरे डैड ने भी मुझे कभी नहीं बताया था कि उन्होंने मेरा नाम ब्रह्मानंदम ही क्यों रखा। वैसे मेरे नाम का मतलब है (द हैप्पीनेस ऑफ द यूनिवर्स) पूरे ब्रम्हांड का आनंद।

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