व्हाईट हाउस में कोकिन! कोर्ट ने जो बाइडन को किया सोशल मीडिया से दूर, ट्रम्प बोले- कहां हैं हंटर?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए रविवार का दिन बुरा साबित हुआ। रविवार को व्हाइट हाउस में सफदे पाउडर के रूप में कोकिन पाया गया। हैरत की बात ये है कि जब व्हाइट हाउस में कोकिन मिलने से हड़कंप मच रहा था, तब जो बाइडन व्हाईट हाउस में मौजूद नहीं थे। दरअसल, जो बाइडन अपने परिवार के साथ शुक्रवार को ही कैम्प डेविड के लिए निकल गए थे। रविवार को ही जो बाइडन व्हाइट हाउस में वापस लौटे। व्हाइट हाउस को कुछ समय के लिए खाली करा दिया गया है। इसके साथ ही कोर्ट ने जो बाइडन के सोशल मीडिया पर सक्रिय होने पर बैन लगा दिया है।
व्हाइट हाउस में कोकिन
वहीं, व्हाइट हाउस की लाइब्रेरी में कोकिन मिलने पर जो बाइडन की टेंशन चौतरफा बढ़ गई है। इस मामले में सबसे ज्यादा चुटकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ले रहे हैं। यहीं नहीं डोनाल्ड ट्रम्प के बेटे यानी जूनियर ट्रम्प ने भी ट्वीट कर जो बाइडन से पूछा है कि ‘हंटर कहां है?’। उधर कोर्ट ने भी जो बाइडन का सोशल मीडिया पर किसी से बात करने पर रोक लगा दी है। दूसरी ओर जूनियर ट्रम्प के एक पोस्ट के बाद अब जो बाइडन के बेटे हंटर ट्रम्प पर कोकिन लाने का आरोप लग रहा है।
जो बाइ़डन के लिए सोशल मीडिया पर रोक
अमेरिकी अदालत ने जो बाइडन को सोशल मीडिया पर किसी से बात करने पर रोक लगाई है। इसके साथ ही व्हाइट हाउस के अधिकारियों पर भी सोशल मीडिया पर सक्रिय होना बैन कर दिया गया है। दरअसल, अमेरिका के लुइसियाना के एक फेडरल जज ने बाइडेन प्रशासन की कुछ शाखाओं को फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर कंटेंट मॉडरेशन के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ बातचीत करने या मिलने पर बैन लगा दिया है।
जो बाइडन सरकार पर लगी सेंसरशिप
अब इस मामले पर अमेरिका के मिसौरी के रिपब्लिकन सीनेटर एरिक श्मिट ने जो बाइडेन प्रशासन पर सेंसरशिप लगाने का आरोप लगाते हुए फैसले को एक बड़ी जीत कहा है। साथ ही इसे सेंसरशिप के लिए एक झटका बताया है। इसके साथ ही लुइसियाना के पश्चिमी जिले के अमेरिकी जिला न्यायालय के जज टेरी ए डौटी ने अमेरिकी सरकार से जुड़े एफबीआई, हेल्थ और ह्यूमन सर्विस जैसे एजेंसियों को सोशल मीडिया पोस्ट और अकाउंट को चिह्नित करने से रोक दिया है। हालांकि, कोर्ट की ओर से कहा गया है कि ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए अलग किया है।
सोशल मीडिया के साथ मिलीभगत का आरोप
बता दें कि सोशल मीडिया से जुड़ा ये फैसला लुइसियाना और मिसौरी में जीओपी अटॉर्नी जनरल के तरफ से दायर एक मुकदमे के जवाब में आया। उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर आरोप लगाया गया था कि सरकारी अधिकारियों ने गलत सूचनाओं पर अंकुश लगाने की आड़ में कंर्सेवेटिव थिंकिंग और दृष्टिकोणों को हटाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के साथ मिलीभगत कर रहे है। जिसमें कोविड महामारी से जुड़े पोस्ट भी शामिल थे। वहीं, इससे पहले जज टेरी ए डौटी ने ट्रेनर और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण प्राप्त करने के आदेश को रोक दिया था। हालांकि, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया था. जज टेरी ए डौटी को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नियुक्त किया था।
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