मोहम्मद शमी को BCCI देगा 3 करोड़ रुपए सालाना
पत्नी द्वारा लगाए गए घरेलू हिंसा व विवाहेत्तर संबंध समेत कई तरह के आरोपों के कारण विवादों का सामना कर रहे भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित क्रिकेट प्रशासकों की समिति (सीओए) ने राहत दी है। सीओए ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से शमी को खिलाड़ियों की केंद्रीय अनुबंध सूची में शामिल करने की संस्तुति की है।
अपनी अनुबंध सूची में शामिल नहीं किया था
बीसीसीआई ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। पत्नी हसीन जहां ने शमी पर अन्य महिलाओं के साथ संबंध रखने और उनके साथ मार-पीट करने के आरोप लगाए थे। इन आरोपों में फंसे शमी को बीसीसीआई ने इसी माह आठ मार्च को जारी हुई अपनी अनुबंध सूची में शामिल नहीं किया था।बंगाल के तेज गेंदबाज शमी के खिलाफ पाकिस्तानी संपंर्कों से पैसे लेने के आरोप की भी भ्रष्टाचार रोधी अफसर जांच कर रहे थे।
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लेकिन बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा के प्रमुख नीरज कुमार ने जांच में शमी को दोषी नहीं पाया और इसके बाद सीओए ने अनुबंध सूची के ग्रेड बी में शमी को शामिल करने की संस्तुति की। बीसीसीआई ने एक बयान में कहा, “सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित क्रिकेट प्रशासकों की समिति (सीओए) ने दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त और बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा के प्रमुख नीरज कुमार से मोहम्मद शमी के मामले की जांच करने का आग्रह किया था, क्योंकि ये आरोप बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी संहिता के प्रावधानों से संबंधित हैं।
ग्रेड-बी में वार्षिक रिटेनरशिप का प्रस्ताव देगा
”बोर्ड ने कहा, “इस आग्रह पर नीरज कुमार ने इस मामले की जांच से संबंधित एक गोपनीय रिपोर्ट सीओए को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के निष्कर्ष के आधार पर सीओए का मानना है कि इस मामले में अब बीसीसीआई की भ्रष्टाचार विरोधी संहिता के तहत आगे किसी प्रकार की कार्रवाई और कार्यवाही की जरूरत नहीं है।” बयान में कहा गया है, “इस कारण से बीसीसीआई अब मोहम्मद शमी को बोर्ड की वार्षिक अनुबंध सूची के ग्रेड-बी में वार्षिक रिटेनरशिप का प्रस्ताव देगा।”
जनसत्ता
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