आज हाथरस जाएंगे सीएम योगी, कई पर गिरेगी गाज…
मामले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका, मरने वालों की संख्या हुई 121
बीते मंगलवार को यूपी के हाथरस में बाबा भोले उर्फ सूरजपाल के सत्संग में भगदड़ की वजह से हुए हादसे में भक्ति का सत्संग लाशों के सत्संग में तब्दील हो गया है.इस हादसे को लेकर कल ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने संवेदनाएं व्यक्त की थी, वहीं आज सीएम योगी हादसे का जायजा लेने व जांच प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों से बात करने के लिए स्वयं हाथरस जाएंगे. इस मामले में चर्चा है की कई विभागों के अधिकारी इस मामले में नपेंगे.बता दें कि, इस हादसे में मारे गए लोगों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है, ऐसे में यह आंकड़ा 121 तक पहुंच गया है, साथ राहत और बचाव कार्य में लगें लोगों का अनुमान है कि, यह आंकड़ा और भी बढ सकता है.
इस सबके बीच जहां पुलिस इस सबके पीछे के आरोपित सूरजपाल उर्फ भोले बाबा को तलाश रही है, वहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. हाथरस में हुई भगदड़ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. इस जनहित याचिका में पांच सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है. साथ ही यूपी की योगी सरकार से हाथरस कांड पर समग्र रिपोर्ट की मांग की गई है.
सीएम योगी का कठोर रुख
हाथरस हादसे का जायजा लेने के लिए आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाथरस जा रहे हैं. हाथरस की घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी ने कठोर रुख अपनाया है. इस हादसे को लेकर मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक बुलाई थी. जिसमें सीएम ने तीनों मंत्रियों, मुख्य सचिव और डीजीपी को घटनास्थल पर भेजा है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटनास्थल पर भेजे गए तीनों मंत्री (असीम अरुण, संदीप सिंह और लक्ष्मी नारायण चौधरी) मुख्य सचिव और डीजीपी से लगातार संपर्क में हैं. इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा है कि, घटना का दोषी कोई हो, बचेगा नहीं, कठोर कार्रवाई की जाएगी.
वकील विशाल तिवारी ने दायर की जनहित याचिका
यह जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गयी है, जनहित याचिका में उन्होंने हाथरस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ ही जनहित याचिका में ऐसे समारोहों की व्यवस्था करने के लिए भी दिशानिर्देशों की मांग की गई है. लेकिन अब देखना यह होगा कि, सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए कब तैयार होता है. शायद इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज या कल सुनवाई कर सकता है.
हाथरस घटना स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात
इस हादसे को लेकर हाथरस जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन फोन नंबर 05722227041 और 05722227042 जारी कर दिया है. लोकसभा की कार्यवाही के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की सूचना दी गयी है. वही सीएम योगी ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस दुर्घटना की जांच का भी आदेश दिया है. वही इस हादसे की जांच ADG आगरा जोन और कमिश्नर अलीगढ़ सत्संग संयुक्त जांच करेंगे.
घटना के बाद से हाथरस प्रशासन भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, इसको लेकर सीएम योगी ने हर अधिकारी को घटनास्थल पर पहुंचने का आदेश दिए है. वही वर्तमान में PAC के तीन कमांडेंट और SDRF की दो कंपनियां तैनात की गयी है.साथ ही आगरा, एटा और अलीगढ़ से भी PAC कंपनियों को परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए भेजा गया है. हादसे के बाद सीएम योगी ने गृहमंत्री अमित शाह से बात की थी, जिसके चलते गृह मंत्रालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए NDRF की टीम मौके पर भेज दी है. एनडीआरएफ टीम अस्पताल में है. घटना के बाद लोग बहुत आक्रोशित है, यह देखते हुए भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
पीएम मोदी ने मुआवजे का किया ऐलान
हाथरस हादसे में पीएम मोदी ने मुआवजे का ऐलान किया है, जिसमें हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रूपए का मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया गया है, इसके साथ ही हादसे में जख्मी लोगों को 50,000 रूपए दिए जाने का ऐलान किया है . वही इससे पहले पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषम से पहले अपने भाषण में हाथरस हादसे का जिक्र करते हुए, इस पर संवेदनाएं व्यक्त की थी.
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क्यों हुआ हाथरस हादसा ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भोले बाबा के सत्संग में करीब सवा लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे. ऐसे में सत्संग खत्म होने के बाद हर किसी को निकलने की जल्दी थी, क्यों पांडाल में लोग भारी भीड़ की वजह से गर्मी और उमस से परेशान थे. वही सत्संग समाप्त होते ही बाबा का काफिला भी निकल पड़ा . ऐसे में भक्त बाबा के दर्शन करना चाहते थे और उनकी गाड़ी पर पड़ी धूल और उनके चरण रज लेने के लिए लोग गाड़ी के पीछे भागने लगे और जिस सड़क पर बाबा का काफिला जा रहा था उस पर ही बगल में 5 से 6 फीट की खाई थी.
ऐसे में लोग बढ़ती भीड़ में संभल नहीं पाए और खाई में गिरने लगे. साथ ही, बारिश की वजह से सड़क के किनारे खेत में पानी और कीचड़ भी था. भागते हुए लोग कीचड़ में गिर गए. वही पीछे से आ रही भीड़ ने उन्हें कुचल दिया. एक के बाद एक लोग गिरते चले गए. इसमें खासकर महिलाओं और बच्चों के ऊपर से लोग चले गए और देखते ही देखते भक्ति का सत्संग लाशों के सत्संग में तब्दील हो गया.