वाराणसी में ग्रामीण पर्यटन को विकसित करेंगे CM योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग वाराणसी में महामारी के दौर के खत्म होने के बाद ग्रामीण पर्यटन को विकसित करने की एक बड़ी योजना पर काम कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, वाराणसी आने वाले विदेशी पर्यटकों को वाराणसी जिले के गांवों की सैर के लिए एक गाइड के साथ ले जाया जाएगा। खासकर उन गांवों में, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में गोद लिया है और विकसित किया है।
पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने कहा, “पर्यटकों को नावों द्वारा गंगा के किनारे इन पूर्व-निर्धारित ग्रामीण स्थलों पर पहुंचने का विकल्प दिया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “ग्रामीण क्षेत्रों में कई साइट्स हैं, जिनमें घरेलू और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता है। इन स्थलों का वातावरण हरा-भरा और रमणीय है। योजना के हिस्से के तौर पर इन स्थानों पर पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की गई हैं। मरक डेय महादेव और शूलटंकेश्वर मंदिर में पीने योग्य पानी की सुविधा और सुसज्जित घाट विकसित किए गए हैं।”
उन्होंने बताया कि एक बार महामारी खत्म हो, उसके बाद घरेलू और विदेशी पर्यटक दोनों ही वाराणसी आना शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा, “इसलिए हम ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रहे हैं, जो विदेशियों को ग्रामीण वाराणसी में जीवन के बारे में जानने में मदद करेगा और वे सुरम्य वातावरण में नाव की सवारी का आनंद भी ले सकते हैं।”
इन गांवों की मार्केटिंग घरेलू पर्यटकों के बीच भी करने की योजना है।
उन्होंने कहा, “पूरी योजना में पर्यटक गाइड शामिल होंगे, क्योंकि वे पर्यटकों को गंतव्य और सुखद वातावरण के बारे में बताएंगे। पर्यटकों को कैथी में गांव की जीवनशैली को देखने के लिए ले जाया जाएगा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव जयापुर में घुमाने के लिए ले जाया जा सकता है या फिर उन्हें ग्रामीण जीवन की अनुभूति करने के लिए ककरहिया ले जाया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “अब तक काशी के इन गांव में घरेलू पर्यटकों अक्सर आते रहते हैं, ज्यादातर पर्यटक वाराणसी से सटे स्थानों से आते हैं। अब, हम इन गांवों की मार्केटिंग घरेलू पर्यटकों के बीच करेंगे। ग्रामीण पर्यटन से गांव की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। हम अपने प्रयासों में नाविकों को भी शामिल करने की योजना बना रहे हैं।”
इसके साथ ही नाविकों को ग्रामीण पर्यटन के बारे में जागरूकता बढ़ाने और पर्यटकों को नाव की सवारी करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
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