चित्रकूट जेल में शुक्रवार को हुए गैंगवार में मारे गए बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के करीबी मेराजुद्दीन उर्फ भाई मेराज का शव शनिवार को उसके पैतृक आवास गाजीपुरा के महेंद गांव में लाया गया. एहतियाता के तौर पर पूरे गांव में भारी संख्या में पुलिस और पीएसी की तैनाती की गयी थी. परिजनों और रिश्तेदार जुटे थे. देर शाम तक शव के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी.
चित्रकूट जेल से आते वक़्त भारी फोर्स रही मौजूद
मेराज खां गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाना के महेंद गांव का रहने वाला था. पिछले 20 सालों से वाराणसी में अशोक विहार कोलनी में मकान बनवाकर परिवार के साथ रहता था. वह पांच भाइयों में चौथे नम्बर का था. चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार में उसकी मौत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल के साथ शव को उसके पैतृक आवास लाने की तैयारी हुई. मेराज के पिता जमालुद्दीन खां और मां का इंतकाल पहले ही हो चुका है. उसका शव सबसे पहले वाराणसी के आनंद विहार कालोनी में लाया गया. यहां चारों भाइयों के साथ परिवार के अन्य सदस्य मौजूद रहे. भारी सुरक्षा के बीच दिन में करीब 1.10 बजे पैतृक आवास महेंद पहुंचा. ऐतिहात के तौर पर मुहम्मदाबाद सर्किल के करीमुद्दीनपुर, भांवरकोल, मुहम्मदाबाद, नोनहरा, बरेसर, कासिमाबाद थाना की फोर्स सहित एक टुकड़ी पीएसी के जवान तैनात रहे. देर शाम जनाजे की नमाज के बाद पैतृक कब्रिस्तान सुर्पुदे खाक करने की तैयारी शुरू हुई.
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पूर्वांचल के चला रहा था मुख्तार का काला धंधा
विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में जेल में बंद विधायक मुख्तार के काले धंधों को पूर्वांचल में मेराज ही चला रहा था. उसकी मौत से मुख्तार का बड़ा नुकसान हुआ है. मेराज मुख्तार के ना सिर्फ काले धंधे संभालता था बल्कि राजनीति मैदान तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था. वैसे तो मेराज का सीधा जुड़ाव मुख्तार के गुर्गे मुन्ना बजरंगी से था लेकिन वह मुख्तार के भी काफी करीबी था. मुख्तार के मछली, कोयला और जमीनों के अवैध कारोबार का काम करता था. मिर्जापुर में अवैध खनन और नशे के कारोबार में भी इसकी गहरी पैठ थी. मेराज ने राजनीति में हाथ आजमाने के लिए विधान सभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन सफल नहीं हुआ. वर्ष 2006 में नशे की बड़ी खेप के साथ पकड़ा गया था और लम्बे समय तक जेल में रहा लेकिन इस मामले में बरी हो गया था. हाल में उसके खिलाफ अवैध असलहे के मामले में कार्रवाई हुई थी. मेराज की मौत के बाद मुख्तार की पकड़ पूर्वांचल में और कमजोर होगी.
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