यूपी की जेल में हुआ खूनी खेल

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यूपी की जेल एक बार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी. चित्रकूट जेल में शुक्रवार को मुख्तार अंसारी गिरोह के मेराजुद्दीन उर्फ भाई मेराज और कुख्यात मुकाम काला की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. इस घटना को अंजान देने वाले जेल में पश्चिमी यूपी के बदमाश अंशु दीक्षित को पुलिस ने एनकांउटर में मार गिराया. इस घटना से एक बार यूपी की जेलों में कैदियों के सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं. यह पहला मौका नहीं है जब जेलों में खूनी खेल खेला गया हो. पूर्व में अपराधियों के लिए बेहद सुरक्षित माने जाने वाली जेलों में कई हत्याएं हो चुकी हैं. यहां तक की जरायम की दुनिया में अपने असलहे से आतंक कायम करके खास रुतबा रखने वाले कुख्यात भी सलाखों के पीछे गोलियों से छलनी कर दिए गए.

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चित्रकूट जेल में शुक्रवार का दिन भी अन्य दिनों की तरह सामान्य था. बंदियों के परेड के बाद दोपहर लगभग एक बजे उन्हें बैरक में भेजने की तैयारी चल रही थी. इसी दौरान पश्चिमी यूपी के कुख्यात बदमाश अंशु दीक्षित ने असलहा निकाल लिया और अपने साथ बंद कैदी मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी. जब तक वो संभलते तब तक गोलियां उनके जिस्म में दाखिल हो चुकी थीं. दोनों की मौके पर ही मौत हो गयी. गोलीबारी से जेल में अफरा-तफरी मच गयी. इसका फायदा उठाते हुए अंशु ने पांच कैदियों को असलहे के बल पर बंधक बना लिया.

जेल में पुलिस की गोली का बना निशाना

चित्रकूट जेल में फायरिंग की खबर से जेल और स्थानीय प्रशासन में हड़कम्प मच गया. भारी फोर्स के साथ पुलिस के अधिकारी जेल में दाखिल हुए. अंशु दीक्षित की घेराबंदी कर सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन उसने इनकार करते हुए पुलिसवालों पर फायरिंग करना शुरू कर दिया. बीच-बीच में वह बंधक बनाए गए बंदियों को गोली मारने की धमकी देता रहा. करीब आधे घंटे के तक चले खौफनाक खेल के बाद पुलिस ने जवाबी फायरिंग करते हुए पुलिस ने अंशुल दीक्षित को गोली मारकर ढेर कर दिया है. तीनों बंदियों को बाडी को कब्जे में लेते हुए पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू की. मौके से 9 एमएम के खोखे और अंशुल के पास से पिस्टल बरामद हुई है.

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हत्या की लिया था सुपारी

पुलिस को आशंका है कि अंशु ने दोनों की हत्या की सुपारी लिया था. सीतापुर जिले के मानकपुर कुड़रा बनी का मूल निवासी अंशु दीक्षित लखनऊ यूनिर्विसिट में पढ़ाई के दौरान अपराधियों के संपर्क में आया था. वह पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है. सबसे पहले वर्ष 2008 में वह गोपालगंज (बिहार) में अवैध असलहों के साथ पकड़ा गया था. अंशु दीक्षित को 2019 में दिसंबर में सुल्तानपुर जेल में वीडियो वायरल होने के बाद चित्रकूट जेल भेजा गया था. मुख्तार का गुर्गा मेराजुद्दीन उर्फ 3 मेराज मार्च 2021 को बनारस से लाया गया था. वहीं मुकीम काला को इसी महीने की सात तारीख को चित्रकूट जेल लाया गया था.

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