अयोध्या: रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य 60 प्रतिशत बाकी, दिसंबर 2023 तक बनकर होगा तैयार!
यूपी के अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जारी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंदिर निर्माण का लगभग 60 प्रतिशत कार्य बाकी है और 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि दिसंबर, 2023 से दुनियाभर के भक्त भगवान राम की पूजा कर सकते हैं. ट्रस्ट के अधिकारियों ने कहा कि मंदिर के चारों तरफ की सड़कों को सुधारने के लिए निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है.
चंपत राय ने कहा
‘मंदिर निर्माण का 40 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो गया है. प्लिंथ का 80 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है. मंदिर में दर्शन दिसंबर 2023 से शुरू होने की संभावना है. भगवान के कार्य के लिए धन की कमी नहीं होती है. भगवान के चरणों में लक्ष्मी बैठी रहती हैं.’
चंपत राय ने कहा
‘राम मंदिर निर्माण में प्राचीर के लिए लगभग 8-9 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा प्लिंथ के लिए 6.37 लाख क्यूबिक फीट ग्रेनाइट का इस्तेमाल होगा. मुख्य मंदिर लगभग 4.7 लाख क्यूबिक फीट नक्काशीदार गुलाबी बलुआ पत्थर से तैयार किया जाएगा. वहीं, गर्भगृह के निर्माण के लिए मकराना सफेद नक्काशीदार संगमरमर का 13,300 घन फीट इस्तेमाल किया जाएगा. फर्श और आवरण के लिए मकराना सफेद नक्काशीदार संगमरमर का 95,300 वर्ग फीट इस्तेमाल किया जाएगा.’
दरअसल, चंपत राय खुद अयोध्या के कारसेवक पुरम में डेरा जमाए हुए हैं और निर्माण कार्य की देखरेख कर रहे हैं. वह लगातार बैठकें करते हैं और हर दिन प्रगति की समीक्षा करते हैं.
वहीं, ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया मंदिर की कम से कम एक हजार साल तक लंबी उम्र और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बड़ी नींव रखी गई है. राजस्थान में मकराना पहाड़ियों से सफेद संगमरमर का उपयोग मंदिर के गर्भगृह के अंदर किया जाएगा. संगमरमर की नक्काशी का काम प्रगति पर है और कुछ नक्काशीदार संगमरमर के ब्लॉक पहले ही अयोध्या लाए जा चुके हैं.
योजना के तहत राम मंदिर के आसपास 70 एकड़ क्षेत्र में वाल्मीकि, केवट, शबरी, जटायु, सीता, विघ्नेश्वर (गणेश) और शेषावतार (लक्ष्मण) के मंदिर भी बनाए जाएंगे. मंदिर निर्माण के साथ ही प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर की ओर जाने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिए दुकानों व मकानों को तोड़ने का कार्य भी किया जा रहा है.
बता दें पीएम नरेंद्र मोदी ने 2 साल पहले 5 अगस्त, 2020 को मंदिर निर्माण के लिए विधिवत पूजा-अर्चना कर भूमिपूजन और शिलान्यास किया था. 9 नवंबर, 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया था.