राम भरोसे चल रहे हैं थाने, करीब ढाई सौ थानों में न गाड़ी है न टेलीफोन!
क्या आप यह बात सोच भी सकते हैं कि डिजिटल इंडिया में भी सैकड़ों पुलिस थाने ऐसे हैं जिनमें फोन तक नहीं है। फोन ही क्यों पुलिस के लिए अति आवश्यक वायरलेस सेट भी नहीं हैं। यह कोई कपोल कल्पना नहीं बल्कि सच्चाई है। जिसे सरकार ने लोकसभा में स्वीकार किया है। पुलिस अनुसंधान एवं अनुसंधान विकास ब्यूरो के हवाले से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि देश में 267 पुलिस थानों में टेलीफोन नहीं हैं। 129 में वायरलेस सेट और 273 में वाहन नहीं हैं।
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आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना पुलिस आधुनिकीकरण हुआ है और इनमें कैसे काम होता होगा। इक्कीसवीं सदी में जब हम वैज्ञानिक तरीके से अपराधों की जांच कर रहे हैं तब भी कुछ थानों के ये हालात हैं। हालांकि मंत्री ने यह नहीं बताया है कि ये थाने किन राज्यों और जिलों में हैं। यह खुलासा हुआ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) सांसद बी. सेनगुट्टवन के सवाल पर। उन्होंने लोकसभा में पुलिस थानों के हालात पर सवाल पूछा था।
राज्य सरकारों की प्राथमिकताओं पर आधारित होते हैं
उन्होंने पूछा है कि क्या गृह मंत्रालय की ओर से यह सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है कि देश में सभी पुलिस थाने जांच किट सहित सभी मूलभूत सुविधाओं से लैस हों। इस पर गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा है कि पुलिस राज्य का विषय है। पुलिस थानों में सुविधाओं सहित प्राथमिक उत्तरदायित्व राज्य सरकारों का है। राज्य सरकारों को राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण (एमपीएफ) योजना के तहत गृह मंत्रालय की ओर से सहायता दी जाती है। एमपीएफ योजना के तहत खरीदी जाने वाली जांच संबंधी फॉरेंसिक किटों सहित उपकरण राज्य सरकारों की प्राथमिकताओं पर आधारित होते हैं।
(news18)
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