हिंसक प्रदर्शन के बीच CAA के ड्राफ्ट पर विचार शुरू : MHA सूत्र
नागरिकता कानून को लेकर पूरे देश में भारी विरोध जारी है। कांग्रेस, जनता दल, शिवसेना समेत कई पार्टियां भी इस कानून का विरोध कर रही है। कांग्रेस ने ऐलान किया है कि इस कानून के विरोध में 22 दिसंबर को शांति मार्च निकालेगी।
इसके साथ ही जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नीतिश कुमार ने भी बिहार में एनआरसी लागू करने से साफ इंकार किया है।
इस बीच खबर है कि गृह मंत्रालय ने नए नागरिकता कानून (सीएए) के ड्राफ्ट पर विचार किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर कानून लागू होगा तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। ऐसे में इसके ड्राफ्ट पर दोबारा विचाया किया जाएगा।
इसमें प्रदर्शनकारी भी गृह मंत्रालय को अपने सुझाव दे सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि नागरिकता प्रदान करने पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे नहीं दिया है।
यह एक केंद्रीय कानून है और राज्य इसे मानने के लिए बाध्य है। सूत्रों के मुताबिक पूरी प्रक्रिया लगभग डिजिटल होगी और दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
राज्यों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पहले यह काम जिलाधिकारी/कलेक्टर के जिम्मे था लेकिन इस बार प्रक्रिया में बदलाव होगा।
सूत्रों का यह भी कहना है कि इस पूरी प्रक्रिया में राज्य के अधिकारियों की भूमिका अहम है और हर पहलू पर उनकी मदद की जरूरत पड़ेगी।
अगर किसी भी देश में अवैध शरणार्थी होते है तो उस देश को अधिकार है कि वह उन्हें वापस जाने को कहे। इस मसले पर दिल्ली में लोगों को गुमराह किया जा रहा है।
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