बनारस होकर चलाई जा सकती है बुलेट ट्रेन, दो फेज में होगा काम
2025 तक रेल रूट का होगा सर्वे, 2029 तक मूर्त रूप ले सकती है योजना
दिल्ली से हावड़ा के बीच बुलेट ट्रेन वाराणसी से होकर चलाई जा सकती है. इस योजना को वर्ष 2029 तक अमलीजामा पहनाया जा सकता है. फिलहाल इसके लिए 2025 तक रेल रूट के सर्वे का काम पूरा करना है. इसके लिए जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा. यह योजना दो फेज में मूर्तरूप लेगी. बुलेट ट्रेन चलने के बाद लोग बहुत कम समय में वाराणसी से दिल्ली और हावड़ा पहुंच सकते हैं.
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नेशनल हाईस्पीड़ रेल कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से हाईस्पीड रेल लाइन बिछाए जाने की प्रक्रिया चल रही है. पहले फेज में वाराणसी से हावड़ा के बीच 720 किलोमीटर ट्रैक बिछाया जाएगा. वाराणसी के चौबेपुर के चिरईगांव ब्लाक के नारायणपुर, उकथी, रमैला, छितौनी, सिरिस्ती, देवरिया, अमौली, बकैनी, धराधर आदि गांवों में सर्वे का कार्य पूरा हो गया है. भू-स्वामियों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है.
कारिडोर में जगह-जगह टनल और ग्रेड बिछाई जाएंगी
रेलवे अधिकारियों के अनुसार हाईस्पीड के लिए सीधा रेलवे ट्रैक चाहिए. घुमावदार ट्रैक पर हाईस्पीड ट्रेन के परिचालन में मुश्किलें आएंगी. कारिडोर में जगह-जगह टनल और ग्रेड बिछाई जाएंगी. रेल अफसरों के अनुसार एलिवेटेड हिस्से की ऊंचाई 20 फीट होगी. इसका काम दो चरणों में कराया जाना है. पहले चरण में वाराणसी से पटना से हावड़ा और दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी के बीच काम कराया जाएगा. प्रस्तावित दिल्ली वाराणसी हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को प्रमुख एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्गों, ग्रीनफील्ड क्षेत्रों के साथ चलाने की योजना है. यह कॉरिडोर के साथ विभिन्न शहरों के बीच हाई स्पीड रेल संपर्क के लिए मध्यवर्ती शहर सड़क नेटवर्क की मुख्य सड़कों से गुजर सकता है.
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12 स्टेशनों के जरिए दिल्ली को वाराणसी से जोड़ेगी परियोजना
दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल (डीवीएचएसआर बुलेट ट्रेन) परियोजना एक 865 किलोमीटर लंबी प्रस्तावित हाई स्पीड रेल लाइन है जो 1.21 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 12 स्टेशनों के माध्यम से दिल्ली को वाराणसी से जोड़ेगी. इस परियोजना में 135 किलोमीटर लंबी लखनऊ अयोध्या स्पर लाइन शामिल है. इसकी व्यवहार्यता रिपोर्ट INECO, TYPSA और ICT द्वारा 2017 में तैयार की गई थी. परियोजना की व्यवहार्यता रिपोर्ट के अनुसार, यात्री दिल्ली और लखनऊ के बीच 1 घंटे 38 मिनट में और दिल्ली-वाराणसी के बीच 2 घंटे 37 मिनट में यात्रा कर सकेंगे. किराया संरचना को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, लेकिन उम्मीद है कि यह भारतीय रेलवे की मौजूदा सेवा में मौजूदा प्रथम श्रेणी एसी किराए से 1.5 गुना अधिक होगी. वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने के करीब लाइन की आधिकारिक किराया संरचना, कीमतें और नियमों को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है.व्यवहार्यता रिपोर्ट के अनुसार, इस लाइन का आधार किराया 4.5 रुपये प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है, इसलिए दिल्ली से वाराणसी तक की यात्रा का खर्च लगभग 3240 रुपये और दिल्ली से लखनऊ तक का खर्च लगभग 1980 रुपये हो सकता है.