10वीं और 12वीं के छात्र नहीं देना चाहते एग्जाम तो ना दें, प्री-बोर्ड के आधार पर दिए जाएंगे नंबर
सीआईसीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं के छात्र बची हुई बोर्ड की परीक्षा ना देने का विकल्प चुन सकते है और प्री -बोर्ड या स्कूल में हुई परीक्षाओं के आधार पर उन्हें अंक दिए जाएंगे।
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक अभिभावक ने अदालत में परीक्षाएं रद्द कराने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी,जिसके जवाब में बोर्ड ने बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष सोमवार को यह प्रस्ताव दाखिल किया।
काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) के मुख्य कार्यकारी एवं सचिव, गैरी एराथून के अनुसार छात्रों को 22 जून तक अपने संबंधित स्कलों में इसकी जानकारी देनी होगी।
एक से 14 जुलाई के बीच होंगी परीक्षाएं-
कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण कुछ परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं, जो अब एक से 14 जुलाई के बीच होंगी। हालांकि कई अभिभावक उन्हें रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
एराथून ने कहा, ‘छात्रों को दो विकल्प दिए जाएंगे, या तो वे पुनर्निर्धारित परीक्षाएं दें या फिर प्री-बोर्ड या स्कूल में हुई परीक्षाओं के आकलन के आधार पर अंक लेने का विकल्प चुनें। ये विकल्प केवल लंबित परीक्षाओं के लिए है, जिन विषयों की परीक्षाएं हो चुकी हैं उनके परिणाम परीक्षाओं के आधार पर ही दिए जाएंगे।’
बोर्ड ने साथ ही स्पष्ट कर दिया की छात्र विषयों के आधार पर विकल्प का चयन नहीं कर सकते।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के विपरित सीआईएससीई सभी लंबित विषयों की परीक्षा आयोजित कर रहा है। सीबीएसई केवल उच्च शिक्षा संस्थानों में पदोन्नति और प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण 29 विषयों में परीक्षा आयोजित करेगा।
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