भाजपा संसदीय संवैधानिक परंपराओं का कत्ल कर रही : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा संसदीय-संवैधानिक परंपराओं का कत्लेआम कर रही है। अखिलेश यादव ने शनिवार को ट्वीटर के माध्यम से लिखा कि, “अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा की रैली करने के लिए कोरोना नहीं है, तो संसद सत्र चलाने के लिए दिल्ली में क्यों है। संसद में किसानों के पक्ष में जन प्रतिनिधियों के आक्रोश से बचने के लिए भाजपा सरकार कोरोना का बहाना बना रही है। भाजपा संसदीय-संवैधानिक परंपराओं का कत्लेआम कर रही है।”
अगर पश्चिम बंगाल में भाजपा की रैली करने के लिए कोरोना नहीं है, तो संसद सत्र चलाने के लिए दिल्ली में क्यों है। संसद में किसानों के पक्ष में जन प्रतिनिधियों के आक्रोश से बचने के लिए भाजपा सरकार कोरोना का बहाना बना रही है।
भाजपा संसदीय-सांविधानिक परंपराओं का क़त्लेआम कर रही है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 19, 2020
उन्होंने आगे लिखा कि, “भाजपा सरकार लोकसभा का शीतकालीन सत्र टालकर किसानों और विपक्ष का सामना करने से बच रही है। वह विपक्ष के विरोध के खिलाफ बड़ा षडयंत्र कर रही है। भाजपा का संविधान, लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था पर विश्वास है तो उसे लोकसभा एवं विधानसभा का सत्र बुलाकर देश में किसान बिल, निजीकरण, बेरोजगारी, महंगाई, प्रदेश में गिरती कानून व्यवस्था, शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में अव्यवस्था, अवरुद्ध विकास, महिला सुरक्षा व किसानों के रुके हुए कामों पर तुरंत चर्चा करानी चाहिए।”
भाजपा सरकार कोरोना का बहाना करके लोकसभा का शीतकालीन सत्र टालकर किसानों और विपक्ष का सामना करने से बच रही है. लोकसभा व विधान सभा का सत्र बुलाकर देश में किसान बिल, निजीकरण, बेरोज़गारी, महँगाई तथा उप्र में क़ानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा व विकास के रूके हुए कामों पर तुरंत चर्चा हो. pic.twitter.com/Yyx3uN2YBR
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 17, 2020
अखिलेश ने कहा कि, “कृषि-कानून बनाने से पहले किसानों के कानों को खबर तक न होने दी, अब ‘किसान सम्मेलन’ करके इसके लाभ समझाने का ढोंग कर रहे हैं। सच तो ये है कि किसानों का सच्चा लाभ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने से होगा, तभी आय दुगुनी हो सकती है। ये कृषि-कानून नहीं भाजपा का शिकंजा है।”
भाजपा ने कृषि-क़ानून बनाने से पहले किसानों के कानों को ख़बर तक न होनी दी, अब ‘किसान सम्मेलन’ करके इसके लाभ समझाने का ढोंग कर रहे हैं. सच तो ये है कि किसानों का सच्चा लाभ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने से होगा, तभी आय दुगुनी हो सकती है.
ये कृषि-क़ानून नहीं भाजपा का शिकंजा हैं. pic.twitter.com/fa57UfyTHX
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 19, 2020
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