‘यादों का इडियट बॉक्स विद नीलेश मिश्रा’
नीलेश मिश्रा एक वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, पटकथा लेखक, बॉलीवुड गीतकार तथा फोटोग्राफर हैं। ये मुख्य रुप से अपने रेडियो कार्यक्रम ‘यादों का इडियट बॉक्स विद नीलेश मिश्रा’ जो 92.7 (बिग एफएम) पर आता है। इनके अलावा ये भारतीय क्षेत्रीय समाचार पत्र ‘गांव कनेक्शन’ के सह-संस्थापक भी है। इन्होंने एक कंटेंट क्रिएशन कंपनी की भी स्थापना की है ,जो कंटेंट प्रोजेक्ट के नाम लिए जानी जाती है। कहानी सुनाने का नीलेश मिश्रा का अंदाज श्रोताओं को हर रात लिफ्ट कराता है और एक किक भी देता है।
जन्म व शिक्षा
नीलेश मिश्रा का जन्म 5 मई 1973 को उत्तराखंड के नैनीताल में हुआ था। इन्होंने भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से शिक्षा प्राप्त की है।
पत्रकारिता में पदार्पण
नैनीताल और लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले नीलेश मिश्रा कभी आम पत्रकार की तरह दिल्ली की सियासी गलियों में खबरों की तलाश में भटका करते थे। उन्होंने मशहूर एजेंसी ‘एपी’ के साथ काम किया, बाद में ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के साथ रोमिंग एडिटर के तौर पर जुड़े। इसके अलावा तमाम बड़े मुद्दों को लेकर उन्होंने कई किताबें लिखीं।
बॉलीवुड में भी आजमाया हाथ
नीलेश ने पत्रकारिता के बाद फिल्मी गीत लिखने में भी अपना हाथ आजमाया। मशहूर डायरेक्टर महेश भट्ट की फिल्मों से उन्होंने शुरुआत की। नीलेश ‘जादू है नशा है…’ से लेकर ‘यूं तो प्रेमी पचहत्तर हमारे.. जैसे बीसियों गीत लिख चुके हैं। उन्होंने बाद में एक बैंड भी लॉन्च किया।
‘यादों का शहर’
इसके बाद नीलेश ने देश में स्टोरीटेलिंग की विधा को फिर से जिंदा किया और बिग एफएम पर एक शो ‘यादों का इडियट बॉक्स विद नीलेश मिश्रा’ को होस्ट करना शुरु किया, जो आज उनकी पहचान बन गई है। जब रात नौ बजे न्यूज चैनल थालियां भर-भर के समाचार परोस रहे होते है और टेलीविजन पर धारावाहिकों का तूफान मचा होता है तब रेडियो को कौन पूछता है! लेकिन नीलेश मिश्रा ही वो शख्स है जो इस प्राइम टाइम में लोगो की जीवन-शैली बदल रहे हैं।
92.7 बिग एफएम पर नौ बजते ही देश के 35 शहरों में घर-घर बजता है। क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या जवान सब नौ बजते ही टेलीविजन बंद कर देते हैं और वर्षों से उपेक्षित रेडियो को डाइनिंग टेबल या फ्रिज के उपर रखकर एक घंटे के लिए दूसरी दुनिया में मुस्कुराते हुए, खुशी-खुशी सैर करने चले जाते है। उनके लिए नीलेश मिश्रा ने एक नया शहर बसा रखा है- ‘यादों का शहर’!
शून्य से प्रेम में चले जाते हैं श्रोता
नीलेश मिश्रा के एक घंटे का यह रेडियो शो जो पूरे देश में अन्य माध्यमों से भी सुना जाता है, आज यह शो टेलीविजन चैनलों को चुनौती दे रहा है। इसे सुनते हुए श्रोता इस कदर शून्य से प्रेम में चले जाते है कि उनके लिए टेलीविजन का रिमोट दबाना मुश्किल हो जाता है। श्रोताओं का मानना है कि सोमवार से शनिवार रात का भोजन पूरा परिवार एक साथ करता है। क्योंकि उनके खाने की लज्जत को नीलेश की कहानियां और धुनें इतना जायकेदार बना देती हैं कि कितना खा गए पता ही नहीं चलता।
नीलेश का ‘गांव कनेक्शन’
नीलेश मिश्रा पिछले कुछ सालों से एक खास कनेक्शन ‘गांव कनेक्शन’ में व्यस्त हैं। नीलेश ने पहले ‘गांव कनेक्शन’ नाम से अखबार शुरू हुआ और इसके बाद ‘गांव कनेक्शन’ का टीवी शो भी शुरु किया। जो हर सोमवार और मंगलवार ‘दूरदर्शन’ पर रात 8 बजे यह शो प्रसारित होता है। नीलेश मिश्रा ने ‘गांव कनेक्शन’ शुरू करने के लिए अपना घर तक बेच दिया। ‘गांव कनेक्शन’ अखबार में गांव को फोकस करके खबरें लिखी जा रही हैं। जिसके लिए उन्हें ‘रामनाथ गोयनका अवॉर्ड’ भी मिल चुका है।
बदलते गांव को जनता तक पहुंचाया
नीलेश मिश्रा ने एक पत्रकार से बातचीत में बताया कि बतौर पत्रकार उन्होंने देश के तमाम गांवों का सफर किया। इस दौरान उन्हें तमाम अनुभव हुए। उन्हें कई नई बातें पता चलीं, गांव का बदलता ट्रेंड देखने को मिला। उन्हें लगा कि इन बदलावों को आम जनता तक कैसे पहुंचाया जाए, क्योंकि गांव की खबरें टीवी पर नहीं आती, अखबारों में छपती नहीं। इसी सोच ने नीलेश द्वारा पहले ‘गांव कनेक्शन’ अखबार और फिर ‘गांव कनेक्शन’ टीवी शो की शुरुआत कराई।
‘यूपी का सफर’
बाद में रेडियो नेटवर्क 92.7 बिग एफएम ने एक और अनूठी पेशकश ‘यूपी का सफर विद नीलेश मिश्रा‘ को लांच किया। इस अनूठी पहल ‘यूपी का सफर’ में कथावाचन और यूपी के प्रति नीलेश के प्यार को एक साथ संयोजित किया गया है। यह एक ऐसा मंच है, जिसकी पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश और कथावाचन दोनों ही हैं। नीलेश के मुताबिक इस कथावाचक शो को अगले लेवल तक ले जाना और श्रोताओं से सीधे तरीके से जुड़ना ही उनका उद्देश्य है।
‘रामराज्य’
नीलेश मिश्रा ने एक नए कार्यक्रम ‘रामराज्य’ के माध्यम से सुशासन को बेचैन कर देने वाली किंतु आवश्यक संभावनाओं को उठाया। इस कार्यक्रम में यह पड़ताल करने की कोशिश की गई कि क्या आज के भारत में रामराज्य जैसी व्यवस्था संभव है?
यह कार्यक्रम ‘एबीपी’ न्यूज चैनल पर हर शनिवार और रविवार रात 10 बजे प्रसारित होता था। ‘रामराज्य’ में उन सारी बातों का जिक्र किया गया जिससे हम रोज रूबरू होते हैं और हमारा जीवन प्रभावित होता है। इस कार्यक्रम में उन सभी सवालों की तह तक जाने की कोशिश की गई जिससे आम लोग प्रभावित होते हैं।