Bike Taxi Scam : सावधान ! खतरें की घंटी, हो सकती है Bike Taxi

ज्यादातर के पास कोई परमिट या आदेश तक नहीं

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Bike Taxi Scam : ”बाइक वाली टैक्सी- सबसे सैक्सी” यह स्लोगन है बाइक टैक्सी की शुरूआत करने वाली एक टैक्सी कंपनी की और वाकई में बाइक टैक्सी काफी कंफर्टेबल और बजट में भी रहती है. शायद यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका प्रयोग भी करते हैं. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से इसका प्रयोग ज्यादातर महिलाएं ही करती हैं. लेकिन यदि हम आप से कहे कि, जिसे आप सुरक्षा के लिए बुक कर रही है और जिसके लिए आप पब्लिक कन्वेंस से ज्यादा खर्च कर रही हैं, वो असल में आपके लिए सुरक्षित ही नहीं है तो आपका रिएक्शन क्या होगा ?

जी हां, बिल्कुल जो आपने सुना वह बिल्कुल सही है. लेकिन इसी वजह कुछ और है. आपको बता दें कि हाल ही में एप बेस्ड इस सेवा कंपनी और आरटीओ विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आयी है, जो यात्रियों की सुरक्षा पर खतरनाक असर डाल सकती है. दरअसल, राजधानी लखनऊ की सड़कों पर 5 हजार से भी ज्यादा की संख्या में दौड़ रही बाइक टैक्सी को असल मायने में सड़क पर दौड़ने का कोई परमिट या आदेश ही नहीं है और जिन बाइक टैक्सियों को सड़क पर दौड़ने का परमिट मिला भी है तो, उनकी संख्या अमूमन 250 के करीब ही होगी.

यात्रियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह RTO

एप बेस्ड कंपनियों द्वारा चलाई जा रही बाइक टैक्सियों का राजधानी लखनऊ में संचालन किया जा रहा है. इसके साथ प्रशासन की नाक के नीचे ही जनता की जिंदगी से खिलवाड़ का यह काला खेल खेला जा रहा है, जिसके आंकड़े काफी चौंका देने वाले हैं. इसके चलते जितनी संख्या में बाइक टैक्सी रोड़ पर दौड़ती नजर आती है, उसकी आधी से ही कम ही बाइक टैक्सी है जिनका रजिस्ट्रशन कराया गया है, बाकी सभी बाइक टैक्सी अवैध तौर पर दौड़ रही है.

इस बात की गवाही दे रहे हैं आरटीओ विभाग के आंकडे जिसमें मात्र 250 ही बाइक टैक्सी का रजिस्ट्रेशन कराया गया है. जबकि, सड़क पर तकरीबन पांच हजार से भी ज्यादा बाइक टैक्सी दौडती नजर आती है.अवैध तौर पर चल रही बाइक टैक्सी में ज्यादातर लोग निजी तरीके से बाइक टैक्सी चला रहे है, जो कि मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ है. ऐसे ये आंकडे सामने आने के बाद लखनऊ रेडियो टैक्सी संचालन संघ द्वारा कई बार शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी आरटीओ विभाग के कानों में जूं तक न रेंगी है और समस्या समय गुजरने के साथ बढती ही जा रही है.

RTO की लापरवाही का ये हो सकता है अंजाम

क्योंकि रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से एप बेस्ट टैक्सियों का ट्रैकिंग सिस्टम ही नहीं है. साथ ही यात्री सुरक्षा से जुड़ी फीचर नहीं है और यहां तक की ड्राइवर का सत्यापन तक नहीं हुआ है जो कि, यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर देने वाला है. आपको बता दें कि, आरटीओ ही नहीं बल्कि यातायात के नियमों के उल्लघंन के इस मामले की जानकारी सीएम पोर्टल पर भी दर्ज कराई जा चुकी है , लेकिन रजिस्ट्रेशन न होने और कार्रवाई न होने से विभाग को राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

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परिवहन अधिकारी ने कार्रवाई किए जाने का दिया आश्वासन

वही जब आरटीओ की इस बड़ी लापरवाही को लेकर आरटीओ (प्रवर्तन) संदीर पंकज से सवाल जवाब किए गए तो उन्होंने कार्रवाई चल रही है का हवाला देते हुए बात को खत्म किया. कहा कि इस मामले की जानकारी मिली है, प्रकरण को लेकर काम किया जा रहा है. अगर बिना रजिस्ट्रशन के कोई गाड़ी चल रही है तो उसकी शिकायत की जा सकती है.

वहीं सेवा प्रदाता कंपनियों को परमिट देने के बाद चल रही है. इसको लेकर कंपनियों के संचालकों के साथ बैठकर बात की जाएगी. कंपनियां भी रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए तैयार हैं, इसके लिए एग्रिगेटर में परमिट कोटे में बढ़ाकर इसे दिया जाएगा, ऐसे में जल्द ही इस समस्या को दूर किया जा पाएगा. मामले को लेकर मुख्यालय द्वारा नई नियमावली बनाई जा रही है, जल्द ही मामला हल कर लिया जाएगा.

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