…तो क्या अपने कपड़े खुद धुलेंगे ‘मंत्री’ और ‘विधायक’

0

बिहार के मंत्रियों बड़े अधिकारियों और विधायकों के लिए एक बुरी खबर है। 1 अप्रैल से इन सभी के कपड़े धूमिल नजर आ सकते हैं, क्योंकि पटना जिला धोबी संघ ने तमाम जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के कपड़े 1 अप्रैल को नहीं धोने का फैसला लिया है।

धोबियों को कोई व्यवस्था नहीं दी जाती है

धोबी संघ का यह फैसला उनकी मांगों को लेकर है, जिसे लेकर जनप्रतिनिधि भी चिंतित नजर आने लगे हैं। दरअसल, रविवार 1 अप्रैल से बिहार की राजधानी पटना के धोबी संघ ने मंत्रियों विधायकों और बड़े अधिकारियों के कपड़े नहीं धोने का फैसला लिया है। इस मामले में पटना जिला रजक समिति के महामंत्री रामबिलास प्रसाद का कहना है कि धोबियों को कोई व्यवस्था नहीं दी जाती है।

Also Read :  आंध्र में रामनवमी उत्सव में हादसा, बाल बाल बचे CM चंद्रबाबू नायडू

प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिलने से धोबी घाट नहीं बनाया जा रहा है। धोबियों के लिए न ही स्कूल की व्यवस्था है और न शौचालय की, साथ ही उनका कोई बीमा भी नहीं कराया गया है। उन्होंने कहा कि हमें मजबूरन यह फैसला लेना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी अगर सरकार नहीं मानती है तो 16 अप्रैल को भी हम धरना देंगे।

पढ़ाई की व्यवस्था किये जाने की मांग प्रमुख है

दरअसल, पटना जिला रजक समिति की 17 सूत्री मांगें हैं। जिसमें नये धोबी घाटों का निर्माण, पुराने घाटों का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण, रेलवे और सरकारी प्रतिष्ठानों में कपड़ा सफाई का काम, बच्चों की समुचित पढ़ाई की व्यवस्था किये जाने की मांग प्रमुख है। धोबी संघ के आंदोलन की घोषणा ने जनप्रतिनिधियों की भी चिंता बढ़ा दी है। क्योंकि सवाल स्वच्छ पहचान की है।

जी न्यूज

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More