कोरोना से बचने के लिए महिला चिकित्सक ने किया जुगाड़, मोदी के मंत्री ने भी की तारीफ

आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। इसी कहावत को बिहार की एक महिला चिकित्सक ने चरितार्थ किया है।

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आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। इसी कहावत को बिहार की एक महिला चिकित्सक ने चरितार्थ किया है। पीपीई किट (Bihar PPE kit) उपलब्ध नहीं होने पर उन्होंने ‘जुगाड़ तकनीक’ से पीपीई किट बना ली। महिला चिकित्सक इस किट के जरिए खुद को संक्रमित होने से बचा रही है। इसकी जानकारी मिलने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी चिकित्सक की तारीफ की है।

भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर गीता रानी ने जुगाड़ तकनीक से पीपीई किट बनाया है। डॉ. रानी कहती हैं कि कोरोना को हराने के लिए खुद को संक्रमित होने से बचाना जरूरी है।

टेलर को बुलाकर बनवाई पीपीई किट-

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वह कहती हैं, ‘कोरोनावायरस के फैलने की खबर आने बाद सभी को खतरा सामान्य रूप से था। जब इस अस्पताल में भी कोरोनावायरस से संक्रमित एक मरीज की पुष्टि हुई, तो मैं भी डर गई लेकिन पीपीई किट उपलब्ध नहीं था।’

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्त्री एवं प्रसव रोग विभाग में स्त्री रोग विषेषज्ञ डॉ. रानी कहती हैं कि इस स्थिति में हम दोनों पति-पत्नी को ड्यूटी करनी थी। हम दोनों ने विचार कर कार के कवर से पीपीई किट बनवाने का निर्णय लिया और टेलर को बुलाकर पीपीई किट बनवा लिया। रानी के पति भी चिकित्सक हैं।

Bihar PPE kit : इसी किट का इस्तेमाल करता है डॉक्टर दंपत्ति-

उन्होंने कहा, ‘यह पीपीई किट की तरह नहीं है, लेकिन वाटर प्रूफ और एयर प्रूफ जरूर है। कोरोना बड़ी समस्या जरूर है, लेकिन समाधान सबको मिलकर करना है।’

आज यह डॉक्टर दंपति यही पीपीई किट पहनकर और छाता लगाकर अपनी ड्यूटी करता है। छाता के संबंध में पूछे जाने पर डॉ. गीता रानी कहती हैं, ‘कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने का एक मात्र तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है और छाता इसके लिए सबसे सही उपाय है।’ उन्होंने कहा कि इस किट को पहनकर उन्होंने कई ऑपरेशन कर लिए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महिला डॉक्टर को दी बधाई-

उन्होंने कहा, ‘यह किट पूरी तरह से कोरोनावायरस से सुरक्षित है। इसे बार-बार धोने के बाद इस्तेमाल किया जा सकता है।’

डॉ. रानी ने अपने इस प्रयोग की जानकारी बिहार के मुख्यमंत्री, बिहार के स्वास्थ्य मंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को भी मेल जरिए दी है। इस प्रैक्टिकल एप्रोच की तारीफ डॉ. हर्षवर्धन ने भी मेल के जवाब में किया है। उन्होंने इसके लिए महिला डॉक्टर को बधाई भी दी है।

डॉ. रानी का कहना है कि लोग अपने घर से एक-एक छाता लेकर बाहर निकलेंगे तो तीन फुट दूर रहकर कोरोनावायरस की बीमारी से बचा जा सकता है। डॉ. रानी लोगों को कोरोनावायरस से बचने के उपायों को लेकर भी सोशल मीडिया के जरिए काफी सक्रिय हैं।

बहरहाल, अब अस्पताल में पीपीई किट उपलब्ध है, लेकिन जुगाड़ तकनीक से बनाए गए इस पीपीई किट की भी लोग तारीफ कर रहे हैं।

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