बड़ी राहत ! 15 मार्च के बाद ये यूजर्स कर पाए Payment Wallet का इस्तेमाल

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Payment Wallet: पेटीएम पेमेंट बैंक बंद होने की खबर के बाद परेशान पेटीएम यूजर्स को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से राहत देने वाली घोषणा की गयी है. दरअसल, आरबीआई ने जनवरी के आखिरी में पेटीएम पेमेंट्स बैंक को फास्टैग से लेकर वॉलेट तक में जमा राशि जोड़ने से रोक लगाई थी. इस रोक से पहले 29 फरवरी तक की छूट दी गयी थी और इसके बाद अब यह छूट बढ़ाकर 15 मार्च कर दी गयी. इसके चलते वॉलेट सर्विस का इस्तेमाल 80 से 85 प्रतिशत ग्राहक 15 मार्च के बाद भी इसका आराम से इस्तेमाल कर पाएंगे.

इसको लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा था कि, ”पेटीएम वॉलेट के 80-85 प्रतिशत यूजर्स पर उसके बैन के कारण किसी परेशानी का सामना नहीं करना होगा, क्योंकि इनके खाते पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बजाय दूसरे बैंकों से जुड़े हैं. उन्होंने बचे हुए यूजर्स को अपनी पेटीएम पेमेंट्स बैंक की सर्विसेस को किसी दूसरे बैंक के खाते से जोड़ने की सलाह दी है.”

15 मार्च तक का समय पर्याप्त

इसके आगे शक्तिकांत दास ने कहा है कि, ”पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़े वॉलेट को अन्य बैंकों के साथ जोड़ने की डेडलाइन 15 मार्च तय की गई है. उन्होंने इसे आगे बढ़ाए जाने की संभावना से इनकार किया है. कहा कि 15 मार्च तक का दिया गया समय पर्याप्त है और इसे आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. 80-85 प्रतिशत पेटीएम वॉलेट अन्य बैंकों से जुड़े हुए हैं और शेष 15 प्रतिशत को अन्य बैंकों से अपने वॉलेट को जोड़ने की सलाह दी जाती है.”

इंटरव्यू के दौरान उन्होंने एक बात साफ करते हुए कहा है कि, ”पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ की गई कार्रवाई उसके रेग्युलेशन के दायरे में आने वाली जांच के तहत की गई है. ये एक इंडिविजुअल केस है, इसका अन्य फिनटेक कंपनियों से कोई लेना-देना नहीं है. इसके उलट आरबीआई फिनटेक सेगमेंट में इनोवेशन का स्वागत करता है. उसने नए प्रोडक्ट्स के टेस्ट के लिए सैंडबॉक्स आधारित व्यवस्था भी पेश की है.”

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एनपीसीआई पेटीएम को चालू रखने किया फैसला

उन्होंने कहा, ”आरबीआई फिनटेक का पूरा समर्थन करता है और करता रहेग. आरबीआई फिनटेक के विकास के लिए पूरी तरह तैयार है. कोई व्यक्ति फेरारी का मालिक हो सकता है और उसे चला सकता है, लेकिन फिर भी उसे दुर्घटनाओं से बचने के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा. आंतरिक जांच-पड़ताल के बाद ही इस बारे में कदम उठाया जाना है. जहां तक आरबीआई का सवाल है, अगर एनपीसीआई पेटीएम को चालू रखने का फैसला करता है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं है.”

 

 

 

 

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