सत्ता की हनक से न्यायिक अदालत पहुंचे “भोले बाबा”, सवालों का दिया जवाब…
लखनऊ: हाथरस सत्संग हादसे में 121 लोगों की मौत के मामले में बाबा नारायण साकार हरि यानि भोले बाबा की आज लखनऊ के न्यायिक आयोग में पेशी हुई. भोले बाबा की सुनवाई के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे. वहीं नारायण हरि सचिवालय तक भाजपा के झंडे वाली सफेद फॉर्च्यूनर गाड़ी से पहुंचे और ये गाड़ी चर्चा का विषय बन गई.
भाजपा के झंडे से उठने लगे सवाल
बता दें कि नारायण साकार हरि सफेद रंग की गाड़ी से आज लखनऊ के न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए पहुंचे थे. वहीं भोले बाबा से ज्यादा उस समय ज्यादा चर्चा उस गाड़ी की होने लगी जिससे भोले बाबा पेशी के लिए आए थे. भोले बाबा पेशी में शामिल होने के लिए सफ़ेद फॉर्च्यूनर से आए जिसपर भाजपा का झंडा लगा था और उसपर विधायक का स्टीकर भी चस्पा था. जब लोगों ने गाड़ी की जांच की तो पता चला कि गाड़ी विधायक बाबूराम पासवान की है.
यह देखकर लोग हैरान हैं कि आखिर कैसे एक निजी व्यक्ति, जो किसी राजनीतिक पद पर नहीं है, विधायक की गाड़ी का उपयोग कर सकता है. इससे राजनीतिक और सामाजिक हलकों में सवाल उठने लगे हैं. गाड़ी में सफर कर रहे बाबा के साथ एक महिला भी मौजूद थीं, जो गाड़ी में ही बैठी रहीं और भोले बाबा का इंतजार करती दिखीं.
हादसे में 121 लोगों की गई थी जान
बता दें कि 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा’ का सत्संग हुआ था. उस सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी. उसी हादसे में पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है. इस चार्जशीट में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल का नाम शामिल नहीं किया गया है, जबकि हादसा उन्हीं के सत्संग में हुआ था.
जानें क्या था पूरा मामला..
बता दें कि यह घटना जुलाई में हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग में हुई थी. उस हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई थी. कहा जा रहा है कि सत्संग के बाद उनके चरणों की रजधूल लेने के लिए मची भगदड़ के चलते वह हादसा हुआ था. उस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.