मॉडलिंग का करियर छोड़ चुना पुराना पेशा, कर रहीं कोरोना मरीजों की सेवा
2019 की मिस इंग्लैंड भारतीय मूल की Bhasha Mukherjee ब्रिटिश नागरिक हैं
युद्धकाल में जैसे सारी भूमिका बदल जाती है, वैसे ही एक पूर्व ब्रिटिश सुंदरी Bhasha Mukherjee ने अपनी भूमिका बदल दी है। उसने ताज को किनारे रख अपने डॉक्टरी पेशे में लौटने का फैसला लिया।
भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक
2019 की मिस इंग्लैंड भारतीय मूल की Bhasha Mukherjee ब्रिटिश नागरिक हैं और उनका बचपन कानपुर में बीता है। जब वो नौ साल की थीं तब वो अपने शेफ पिता और गृहणी मां के साथ ब्रिटेन चली गयी। वह अगस्त 2019 में मिस इंग्लैंड चुनी गई थीं।
मानवीय कार्यों में हिस्सा ले रही थीं
Bhasha Mukherjee का कहना है कि वो बीते सप्ताह ब्रिटेन लौटी हैं। मिस इंग्लैंड चुने जाने के बाद से वह दुनिया की अलग-अलग जगहों पर मानवीय कार्यों में हिस्सा ले रही थीं।
बोस्टन के पिलग्रिम अस्पताल में वो एक डॉक्टर की हैसियत से काम कर रही हैं। Bhasha Mukherjee चैरिटी के सिलसिले में भारत भी आईं थीं। 24 साल की भारतीय मूल की Bhasha Mukherjee ने भारत में काफी चैरिटी की थी। इसके साथ ही वो और भी देशों जिसमें पाकिस्तान, तुर्की और अफ्रीका भी है, गईं थीं। भारत के कई सारे स्कूलों में मिस इंग्लैंड ने किताबें और पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी और भी चीजें चैरिटी में दी थीं।
मेरे लिए सबसे अच्छी जगह अस्पताल ही है
Bhasha Mukherjee का कहना है कि देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने अस्पताल लौटने का फ़ैसला किया क्योंकि देश को उनकी ज़रुरत है। यह एक कठिन निर्णय नहीं था। मैं अफ्रीका और टर्की गई हूं और भारत उन एशियाई देशों में से पहला था जहां मैं यात्रा करने गई थी। भारत के बाद मुझे कई अन्य देशों की भी यात्रा करनी थी लेकिन कोरोना वायरस के कारण मुझे अपनी यात्रा बीच में ही छोड़नी पड़ी। मुझे पता था कि मेरे लिए सबसे अच्छी जगह अस्पताल होगी।
2019 में मिस इंग्लैंड का ताज पहना था
साल 2019 में पेशे से डॉक्टर Bhasha Mukherjee ने मिस इंग्लैंड का ताज पहना था। लेकिन इस संकट की घड़ी में उन्होंने अपने सपने को किनारे रख पेशे को चुना है। Bhasha Mukherjee पेशे से डॉक्टर हैं और अपने महात्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मॉडलिंग को चुना था। ऐसे समय में जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी की चपेट में हैं तो उन्हें अपना फर्ज याद आ गया। भाषा ने अपने पुराने अस्पताल से संपर्क किया जहां वो पहले अपनी सेवाएं एक डॉक्टर के तौर पर दे रहीं थीं। उन्होंने अस्पताल को बताया कि वो फिर से अपने काम पर लौटना चाहती हैं जिसके लिए उनके अस्पताल ने उन्हें इजाजत दे दी।
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