समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मणों को अपमानित किया : भानु प्रकाश मिश्र
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता भानु प्रकाश मिश्र ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सपा पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने पार्टी को 20 सालों तक अनवरत सेवा दी लेकिन अब दम घुट रहा था। ऐसे में समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से आज त्यागपत्र देता हूं।
गोरखपुर से तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके भानु प्रकाश मिश्र उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने साल 2011 में गोरखपुर में हुए सपा के तीन दिवसीय राज्य सम्मेलन में प्रतीक के तौर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे मुलायम सिंह यादव को सोने की साइकिल भेंट की थी।
सपा हितैषी रहे भानु प्रकाश सपा-बसपा गठबंधन पर हमला करते हुए कहा जिस बसपा के ऊपर पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप लगाते थे उसी के साथ समझौता करके सपा खुद टिकट बेचने लगी। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर ब्राह्मणों को अपमानित करने का भी आरोप लगाया।
गोरखपुर सदर विधान सभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी भानु प्रकाश ने कहा कि एक दौर था जब परंपरागत वोट बैंक के दावे करने वाली पार्टियों को छोड़कर मैंने समाजवादी आंदोलन का नेतृत्व स्वीकार किया था लेकिन अब चाटुकारों, चमचों और घमंडियों के चक्कर में समाजवादी पार्टी अब परिवारवादी और पूंजीवादी पार्टी बन गई है।
जातिवाद और पूंजीवाद के घमंड में चूर है समाजवादी पार्टी-
2001 में समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने वाले भानु प्रकाश मिश्र ने कहा कि जातिवाद और पूंजीवाद के घमंड में चूर समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मणों को न केवल अपमानित किया बल्कि उन्हें एकदम किनारे लगाने का काम किया। शायद यह भूल गए कि ब्राह्मण ही नामकरण संस्कार कराता है और अंतिम संस्कार भी।
उन्होंने कहा कि अब तक राजनैतिक दलों ने ब्राह्मण के कंधों को सीढ़ी के रूप में ही इस्तेमाल किया है। ब्राह्मण की बुद्धि, ताकत और रसूख पर पलने वालों को अब तक ब्राह्मणों की संख्या बल का सही अंदाजा नहीं है। जिन दलों ने केवल 2 से 3 प्रतिशत वाले जातीय संगठन वालों से तालमेल किया है उन्हें 20 से 21 प्रतिशत ब्राह्मण वोट नहीं चाहिए। उन्हें यह पता है कि बुद्धिजीवी ब्राह्मण वर्ग को चुनाव में केवल प्रणाम करके ही साध लेंगे पर अब बहुत हुई इमोशनल ब्लैकमेलिंग। अब यह पक्षपात बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
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