18 मार्च से विवाह मुहूर्त शुरू हुए थे और अप्रैल तक विवाह महोत्सव का उत्सव चल रहे थे. शहर भर में बैंड बाजा बाराती और जमकर विवाह कार्यक्रम देखे को मिल रहे थे, लेकिन शुक्रवार को सहालग के अंतिम मुहूर्त पर भारी शहनाई हुई थी. यही कारण है कि, शादी का मुहूर्त ढाई महीने तक नहीं होगा और मांगलिक क्रियाओं पर ब्रेक लग गया है. पंडित मुकेश मिश्रा का कहना है कि, गुरु और शुक्र अस्त रहें है. वही धर्मशास्त्रों के अनुसार, गुरु शुक्र अस्त दोष में शादी जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. ज्योतिषियों ने कहा कि, 28 अप्रैल को शुक्र ग्रह अस्त हो जाएगा, जो सवा महीने बाद उदय होगा.
इस दिन बन रहा अबूझ मुहूर्त
धर्म शास्त्रों की गणना के अनुसार, गुरु शुक्र अस्त में विवाह जैसे मांगलिक उत्सव करना पूरी तरह से अशुभ मना जाता है, यही वजह है कि, गुरु शुक्र अस्त के कारण किसी भी पंचांगों में मई से जून के विवाह मुहूर्त नहीं हैं. लेकिन अक्षय तृतीया विवाह यानी 10 मई को अबूझ मुहूर्त बन रहा है. ऐसे में अबूझ मुहूर्त चलते हुए इस दिन अधिक विवाह होंगे. 9 जुलाई से शादी का मुहूर्त शुरू हो जाएगा जो 15 जुलाई तक यह जारी रहेगा. कहा जाता है कि, चातुर्मास पर भगवान विष्णु शयन मुद्रा में जाते हैं. इसलिए इन चार महीनों में शादी या कुछ भी नहीं होती है, वही 12 नवंबर देवोत्थानी एकादशी पर विवाह मुहूर्त फिर से शुरू होंगे और 14 दिसंबर तक जारी रहेंगे.
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जानें किस महीने बन रहे कितने मुहूर्त
नवंबर में विवाह के सात मुहूर्त बन रहे है, जबकि दिसंबर में आठ मुहूर्त होंगे. ग्रह अस्त और उनका प्रभाव साधारण शब्दों में जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आ जाता है, तो उसकी चमक धीमी हो जाती है. यह सूर्य के प्रकाश और तेज के सामने धीमा पड़ जाता है. इसलिए वह आकाश में द्दष्टिगोचर नहीं होता, इसलिए वह ग्रह अस्त होता है.
ये है विवाह के शुभ मुहूर्त
जुलाई- 9, 11, 12, 13, 14, 15
नवंबर- 12,17 18,23, 25, 27, 28
दिसंबर- 2, 3, 4, 6, 7, 10, 11, 14