#Mayawati- लोकसभा चुनाव की जीत होगा मेरा बर्थ ‘डे गिफ्ट’

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बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती का आज मंगलवार को जन्मदिन है। जन्मदिन के मौके पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विपक्ष पर जोरदार हमला किया है। बसपा और सपा के लोगों के अपील की पुराने गिले शिकवें भुलाकर विरोधी पार्टियों के हथकंडों से सचेत होकर गठबंधन उम्मीदवारों को जिताएं।

बसपा सपा के लोगो से अपील करती हूँ पुराने सभी गिले शिकवे भुलाकर निजी हितों को भूलकर विरोधियों के साम दाम से बचकर एकजुट हो,यही मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा। इस दौरान बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस और भाजपा पर संयुक्त रुप से हमला बोला। अब जुमले बाजी नही चलेगी। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कार्यकर्ता अपने खुद के नेतृत्व में सरकार बनाएं ऐसा होता है तो यही जन्मदिन का गिफ्ट होगा। लोकसभा चुनाव जीत ही जन्मदिन का गिफ्ट होगा

गठबंधन से भाजपा की उड़ी नींद

मायावती ने कहा कि हर साल मेरे जन्मदिन पर कार्यकर्ता महापुरुषों की सोच को ध्यान में रखकर जनकल्याण कारी दिवस के तौर पर मनाते हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती

इसके लिए मैंने अपनी पूरी जिंदगी समर्पित की हुई है। बसपा के अनुयायी गरीब, लाचार बीमार लोगों की मदद करते हैं। हमारी पार्टी ईमानदारी से संघर्ष रत रहती है। बसपा सुप्रीमो मायावती।

जो भी मेरा जन्मदिन मना रहे हैं उनका आभार प्रकट करती हूँ। इस बार मेरा जन्मदिन ऐसे मौके पर हो रहा है जब लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है और हमारी पार्टी ने सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद से भाजपा और अन्य पार्टियों की नींद उड़ी है।

यूपी ही तय करता है कौन होगा प्रधानमंत्री

पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश तय करता है कौन प्रधानमंत्री बनेगा और किसकी सरकार बनेगी।

बसपा सपा के लोगो से अपील करती हूँ पुराने सभी गिले शिकवे भुलाकर निजी हितों को भूलकर विरोधियों के साम दाम से बचकर एकजुट हो, यही मेरे जन्मदिन का तोहफा होगा। भाजपा और कांग्रेस की सरकार ने अधिकांश राज किया है। अल्पसंख्यक गरीब दलित विरोधी नीतियों की वजह से हमें आखिरकार अलग पार्टी बसपा बनानी पड़ी, कई और पार्टियां बनी।किसानों की स्थिति खासकर खराब है।

नतीजे कांग्रेस के लिए सबक

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मध्यप्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ में नतीजों ने भाजपा को सबक सिखाया लेकिन इससे कांग्रेस एंड कंपनी को भी सबक सीखने की जरूरत है। कांग्रेस की सरकारों पर अभी से उंगली उठानी शुरू कर दी है। सरकार में कर्जमाफी की सीमा केवल 9 महीने पहले की क्यों तय की गई ? जिन शर्तों के आधार पर केवल 2 लाख का कर्ज माफ करने की बात कही इससे कोई खास लाभ किसानों को नही मिलने वाला है। किसानों की कर्जमाफी के लिए केंद्र राज्य सरकारों को कोई ठोस नीति बनानी चाहिए।

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एक बार पूरी कर्ज राशि माफ करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। आगे कर्ज न लेना पड़ा इसके लिए सभी समस्याओं को दूर करना चाहिए और स्थायी नीति बनानी चाहिए। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को पूरी तौर पर मानकर अमल करती है तो समाधान निकल सकता है।

दलित आदिवासी पिछड़ा अल्पसंख्यक जो भूमिहीन हैं, जो छोटे मोटे काम के लिए कर्ज लेते हैं, इनके कर्ज माफी के लिए कोई ठोस कदम नही उठाये गए। जीएसटी नोटबन्दी से इनकी स्थिति और दयनीय हो गई है। इन सरकारों में इनके हित न सुरक्षित रहे हैं न आगे रहेंगे। बसपा सुप्रीमो मायावती

हमारी पार्टी धन्नासेठों की ग़ुलामी नही करती।रक्षा सौदों में केंद्र सरकार विपक्षी पार्टियों को भी विश्वास में लेकर एक दीर्घकालीन नीति तैयार करे। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा

आरएसएस ने धर्म के नाम पर न केवल राजनीति करने का काम किया बल्कि देवी देवताओं को भी जाति में बांटने का घिनौना काम किया। ये दुखद स्थिति है।मुस्लिमों की जुमा की नमाज रोकना शुरू कर दिया है।
सीबीआई मामले में बोली बसपा सुप्रीमो

सीबीआई मामले में मायावती ने कहा कि सीबीआई और संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रहे है। इसका ताजा उदाहरण सपा अध्यक्ष का सीबीआई में नाम लाना है। भाजपा के लाख न चाहने के बाद भी इनकी वादाखिलाफी मुद्दा बन गई को खामोशी से अपना काम करती जा रही है।15 से 20 लाख देकर अच्छे दिन लाने का सपना दिखाया था जो विश्वासघाती साबित हुआ है।

आरक्षण का लॉलीपॉप

मायावती ने कहा कि चुनाव आते ही मोदी सरकार ने आरक्षण का लॉलीपॉप थमा दिया। लोकसभा के चुनाव करीब आते ही पिछले चुनाव की तरह अपने पक्ष में हवा बनाने के लिए नाटकबाजी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री देश भर में रैली कर तरह तरह की घोषणाएं कर रही हैं। जो सरकार में आने के बाद ठंडे बस्ते में डाल देगे। बसपा सुप्रीमो  ने कहा कि 10% सवर्ण आरक्षण का हमारी पार्टी समर्थन करती है लेकिन धार्मिक अल्पसंख्यकों को खास लाभ नही मिलने वाला जब तक इनकी द्वेषपूर्ण सोच बनी रहती है। हमारी पार्टी अल्पसंख्यकों को अलग आरक्षण देने की मांग करती है इस पर कायम है।

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