अयोध्या: कभी भी आ सकता है राममंदिर पर फैसला, चार हजार और जवान भेजे गये

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अयोध्‍या पर कभी भी आ सकता है फैसला

चार हजार अतिरिक्‍त जवान यूपी भेजे गये हैं

अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाले अगले सात कार्यदिवसों के भीतर आ सकता है।

कारण कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

ऐसे में उनके कार्यकाल के बस सात कार्यदिवस ही शेष हैं।

साफ है कि सुनवाई कर रही पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ इन्हीं दिनों में फैसला सुना सकती है।

अतिरिक्‍त पुलिस बल 18 नवंबर तक राज्य में तैनात रहेगा

मौके की नजाकत को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस फैसले के मद्देनजर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय शस्त्र पुलिस बल के करीब चार हजार जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है।

यह पुलिस बल 18 नवंबर तक राज्य में तैनात रहेगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते सोमवार को ही इस संबंध में फैसला लिया है।

पैरामिलिट्री फोर्स की पंद्रह कंपनियों को भेजने की मंजूरी

जिसमें मंत्रालय ने तुरंत प्रभाव से पैरामिलिट्री फोर्स की पंद्रह कंपनियों को भेजने की मंजूरी दी।

मंत्रालय के आदेश के मुताबिक पैरा मिलिट्री फोर्स की 15 कंपनियों के अलावा बीएसएफ, आरएएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की तीन-तीन कंपनियां भेजने को भी मंजूरी दी गई है।

पूरे राज्य में धारा-144 लागू

बता दें कि फैसले से पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता करने जोर दिया है।

पूरे राज्य में धारा-144 लागू है।

सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए अलग-अलग जिलों में मंदिरों और मस्जिदों से धार्मिक संगठन और कमेटियां अमन-शांति की अपील भी कर रही हैं।

देवबंद उलेमा की आइमा संस्था ने लोगों से की अपील

दारूल उलूम देवबंद उलेमा की आइमा संस्था ने भी लोगों से अपील की है।

बीजेपी ने भी अपने पदाधिकारियों को संयम बरतने और टिप्पणी से बचने को कहा है।

यूपी के सभी जिलों के खुफिया और अन्य अफसरों की लखनऊ में बैठक हुई है।

 

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