सावधान ! नॉन – स्टिक बर्तन में खाना पकाना यानी मौत को न्यौता…
बदलती लाइफस्टाइल में लोगों की जिंदगी और खाना पकाने के तरीके भी बदल गए हैं. अब लोग नॉन- स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं, हालांकि पहले लोग स्टील या एल्युमिनियम के बर्तनों का इस्तेमाल करते थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नॉन- स्टिक आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं? भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने हाल ही में एक दिशानिर्देश जारी किया है जो बताता है कि खाना नॉन स्टिक पैन में क्यों नहीं पकाना चाहिए ?
नॉन- स्टिक से परहेज क्यों ?
नॉन स्टिक कुकवेयर में खाना बनाना बहुत आसान है और कम तेल का उपयोग होता है. कोटिंग के कारण सब्जियां जलने का भी डर नहीं है, लेकिन हाल ही में किए गए अध्ययनों ने बताया कि, नॉन स्टिक बर्तनों का उपयोग आपकी सेहत को खराब कर सकता है. नॉन स्टिक बर्तन में कोटिंग मिलती है, यह कोटिंग खाना बनाते समय खुरच कर खाने में मिलती है, जो आपकी सेहत को खराब करती है. यही कारण है कि ICMR ने एक गाइडलाइन जारी कर लोगों को बताया है कि, खाना नॉन स्टिक बर्तनों में न बनाएं.
आईसीएमआर ने नॉन-स्टिक कुकिंग के लिए ये सुझाव दिए:
-मीडियम तापमान पर खाना पकाएं.
-नॉन-स्टिक कुकवेयर को बहुत गर्म करने से बचें.
-जब गैस का उच्च तापमान होता है, तो पैन की कोटिंग टूट सकती है.
-खाली पैन को पहले से गर्म नहीं करना चाहिए.
-गैस ऑन करके पैन को हाई फ्लेम पर न रखें.
-गैस पर पेन रखने से पहले थोड़ा तेल डालें.
Also Read: International Tea Day: शाम की चाय के साथ जाने अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास और महत्व
किस बर्तन में पकता है सबसे सुरक्षित खाना
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मिट्टी के बर्तनों को खाना पकाने के लिए सबसे सुरक्षित माना गया है. ICMR के निर्देशों के अनुसार, मिट्टी के बर्तनों में कोई केमिकल नहीं होना चाहिए. जिससे खाने में नेचुरल टेस्ट और न्यूट्रिएंट्स पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं. मिट्टी के बर्तन को इस्तेमाल करने से पहले उनकी सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए.