अटल बिहारी वाजपेयी: आज है भारत के पूर्व पीएम की 98वीं जयंती, जानें उनके जीवन से जुड़ी रोचक बातें
वैसे तो दुनियाभर में 25 दिसंबर का दिन बेहद खास है. इस दिन कई देशों में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है. लेकिन, भारत के इतिहास में 25 दिसंबर सिर्फ क्रिसमस ही नहीं, बल्कि सुशासन दिवस मनाया जाता है. दरअसल, भारत के 3 बार पीएम रहे स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य पर सुशासन दिवस होता है. आइए जानते हैं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़ी रोचक बातें और उनकी जयंती को सुशासन दिवस के तौर पर मनाने की वजह.
जन्म और पढ़ाई…
यूपी में आगरा के प्राचीन स्थान बटेश्वर के मूल निवासी पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में अध्यापक थे. वहीं 25 दिसंबर, 1924 को ब्रह्ममुहूर्त में उनकी धर्मपत्नी कृष्णा वाजपेयी से शिन्दे की छावनी में अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था. पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर में अध्यापन कार्य तो करते ही थे, साथ ही हिंदी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि भी थे. अटल बिहारी की बीए की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज (जो अब लक्ष्मीबाई कालेज है) में हुई. छात्र जीवन से वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवक बने और तभी से राष्ट्रीय स्तर की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे.
अटल बिहारी ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से राजनीति शास्त्र में एमए की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की. उसके बाद उन्होंने अपने पिता के साथ ही कानपुर के डीएवी कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की. दोनों एक ही क्लास में पढ़ते थे और हॉस्टल में एक ही कमरे में रहा करते थे. हालांकि, जब उनके दोस्तों को यह बात पता चली तो अटल बिहारी और उनके पिता ने अपने सेक्शन बदल लिए. अटल बिहारी ने एलएलबी की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर पूरी निष्ठा से संघ के कार्य में जुट गये.
भाषण से पहले खाते थे ये चीजें…
यह तो लोग जानते हैं कि अटल बिहारी एक अच्छे वक्ता थे. लेकिन, बहुत कम लोगों को पता होगा कि अटल बिहारी जब किसी जनसभा में शामिल होते थे तो काली मिर्च और मिश्री का सेवन करते थे. उनके लिए खास मथुरा से मिश्री मंगाई जाती थी. भाषण से पहले और बाद में वह इसी का सेवन किया करते थे.
तोहफे नहीं थे पसंद…
अटल बिहारी को तोहफे पसंद नहीं थे. वह गिफ्ट परंपरा के बेहद खिलाफ थे. हालांकि, उन्हें खाने पीने का काफी शौक था. इसलिए घर पर तैयार भोजन को ही सबसे बड़ा तोहफा मानते थे.
राजनीति…
एक आदर्श राजनेता के तौर पर मशहूर अटल बिहारी वाजपेयी पहले ऐसे पीएम थे, जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. वो 3 बार देश के पीएम बने. वह जीवन के शुरुआती दिनों में स्वयं सेवक संघ में शामिल हुए. अक्सर उनकी बहन अटल की पैंट को फेंक दिया करती थीं, क्योंकि उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे और उनका परिवार नहीं चाहता था कि अटल आरएसएस की खाकी पैंट पहनें.
पसंदीदा फिल्म और खाना…
कहा जाता है कि अटल बिहारी को हिंदी सिनेमा से खासा लगाव था. उनकी पसंदीदा फिल्म ‘उमराव जान’ थी. अटल बिहारी को खाने में गोलगप्पे बेहद पसंद थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अटल बिहारी गोलगप्पे वाले को ऊपर कमरे में बुलाते थे और गोलगप्पे में खूब सारी मिर्च मिलाकर खाते थे. वो मांसाहारी खाने का भी शौक रखते थे. खासकर वो मछली खाना पसंद करते थे.
सुशासन दिवस का इतिहास और महत्व…
अटल बिहारी की जयंती के मौके पर प्रतयेक वर्ष भारत में 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है. वर्ष 2014 में अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय जी को निधन के बाद उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया. इसके तुरंत बाद मोदी सरकार ने अटल बिहारी की जयंती को भारत में सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की.
इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश में पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन बनाने के लिए नागरिकों और विशेषकर छात्रों को सरकार की प्रतिबद्धता से अवगत कराना है.