सियाचिन में तैनात जवानों को मिलेगी स्पेशल मेड इन इंडिया किट

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दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र सियाचिन जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5,400 मीटर से ज्यादा है। ये दुनिया का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है। यही वजह है कि 1984 के पहले तक यहां जवानों को तैनात नहीं किया जाता था, लेकिन पाकिस्तान की दखलंदाजी के बाद 1984 में यहां पहली बार आर्मी तैनात हुई। सियाचिन तीन तरफ से पाकिस्तान और चीन से घिरा है। यहां सेना की 150 पोस्ट हैं, जहां 10 हजार सैनिक तैनात रहते हैं।

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भारतीय सेना ने सियाचिन में तैनात जवानों के लिए एक स्पेशल किट बनाए जाए की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। आर्मी के एक अफसर ने कहा है कि दुनिया के सबसे मुश्किल युद्ध क्षेत्र में तैनात जवानों के कपड़े, सोने की किट और खास उपकरणों का उत्पादन देश में ही किया जाएगा।

अफसर ने बताया कि मौजूदा समय में जवानों की एक्स्ट्रीम कोल्ड वेदर क्लोदिंग सिस्टम अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और स्विटजरलैंड से आयात किया जाता है। भारत सरकार हर साल लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

अफसर ने कहा, “16-20 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात जवानों की जरूरत का ज्यादातर सामान को भारत में बनाने का ही लक्ष्य रखा गया है। थर्मल इंसोल, चश्मे, कुल्हाड़ी, सोने के लिए किट, जूते, हिमस्खलन पता लगाने वाले उपकरण और पर्वतारोहण की किट का उत्पादन देश में होगा। इसके लिए दो श्रेणियों में उत्पादन किया जाएगा। पहली श्रेणी में बनने वाली स्पेशल किट और उपकरण 9-12 हजार फीट की ऊंचाई पर तैनात जवानों को दिए जाएंगे। इससे ज्यादा ऊंचाई पर तैनात जवानों को दूसरी श्रेणी की किट और उपकरण दिए जाएंगे।

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