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स्टोरी 1- विदेश मंत्री ने चीन को ठहराया कसूरवार
लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार हुई हिंसक झड़प को लेकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसके लिए पूरी तरह बीजिंग को कसूरवार ठहराया। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर हुई बात के बाद विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि एस. जयशंकर ने अपने चीनी समकक्षीय को यह साफतौर पर कह दिया है इस अप्रत्याशित एक्शन का द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर असर होगा।
एस. जयशंकर ने वांग यी से कहा कि गलवान में जो कुछ भी हुआ वह चीन की तरफ से पूर्व नियोजित था। भारतीय विदेश मंत्री ने आगे कहा कि समय की जरूरत ये थी कि चीन की तरफ से अपने एक्शन का आकलन किया जाता और सही दिशा में कदम उठाया जाता। सैनिकों को वास्तविक नियंत्रण रेखा का दृढ़तापूर्वक सम्मान करना चाहिए और इसे बदलने के लिए कोई एकपक्षीय कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। उन्होंने चीनी विदेश मंत्री से फोन पर कहा कि यह आपसी सहमति बनी थी कि पूरी स्थिति को जिम्मेदार तरीके से संभाला जाएगा और दोनों पक्ष तनाव कम करने की तरफ पहल करेंगे।
स्टोरी 2- नरेंद्र मोदी ने चीन को दी चेतावनी
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद होने वाले भारतीय जवानों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं देश को इस बात के लिए आश्वस्त करता हूं। हमारे लिए देश की एकता और अखंडता सर्वोपरि है। भारत शांति चाहता है, लेकिन माकूल जवाब देने का सामर्थ रखते हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने गृहमंत्री अमित शाह और देश के 15 मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा कि शहीद जवानों पर देश को गर्व है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मैं शहीदों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जवानों और उनके परिवार को भरोसा दिलाता हूं कि देश आपके साथ है, स्थिति कुछ भी हो देश आपके साथ है। भारत अपने स्वाभिमान और हर एक इंच जमीन की रक्षा करेगा।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलएसी पर भारतीय जवानों की शहादत पर कहा, “हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।’
स्टोरी 3- भारत ने चीन-रुस के साथ होने वाली बैठक का किया बहिष्कार
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों में हिंसक झड़प को लेकर उपजे हालात के बीच भारत 23 जून को प्रस्तावित रूस-इंडिया-चीन (RIC) की वर्चुअल बैठक का बहिष्कार कर सकता है। इस मामले से जुड़े लोगों ने बुधवार को यह जानकारी दी। लद्दाख में करीब डेढ़ महीने से चली आ रही तनातनी सोमवार रात हिंसक झड़प में बदल गई। हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए और कई घायल हो गए। चीन को भी भारी नुकसान हुआ है। उसके 40 से अधिक सैनिक मारे गए हैं। हालांकि, चीन ने अभी तक संख्या का खुलासा नहीं किया है।
स्टोरी 4- यूपी में कोरोना से हुई 30 मौत
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से 30 और लोगों की मौत होने से संक्रमण से मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 465 हो गयी। वहीं संक्रमण के 591 नए मामले सामने आने से संक्रमण के मामले 15 हजार का आंकडा पार कर गये। प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा, पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 591 नये मामले सामने आये हैं। संक्रमण के उपचाराधीन मामले 5477 हैं जबकि 9239 लोगों को ठीक हो जाने पर अस्पताल से छट्टी मिल चुकी है। प्रसाद ने कहा, मरीजों के ठीक होने की दर अभी भी 61 प्रतिशत के आसपास है। संक्रमण की वजह से बीते 24 घंटे में 30 और मौतें हो गईं और इस प्रकार जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 465 हो गई है। उन्होंने कहा, मंगलवार को प्रदेश में 16,159 नमूनों की जांच की गई, जो अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। इससे पहले 15 हजार से अधिक नमूनों की जांच का आंकड़ा हमने पार किया था लेकिन मंगलवार को प्रदेश में छह हजार का आंकड़ा पार हुआ।
स्टोरी 5- कर्ज वसूली पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कोविड- 19 महामारी को देखते हुए घोषित रोक अवधि के दौरान स्थगित कर्ज किस्तों पर ब्याज पर ब्याज वसूलने का कोई तुक नहीं बनता है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा कि एक बार स्थगन तय कर दिए जाने के बाद इसका वांछित उद्देश्य पूरा होना चाहिए। ऐसे में सरकार को सब कुछ बैंकों पर नहीं छोड़कर मामले में खुद हस्तक्षेप करने पर विचार करना चाहिए। पीठ में न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह भी शामिल हैं। पीठ का कहना है, ”जब एक बार स्थगन तय कर दिया गया है तब उसे उसके उद्देश्य को पूरा करना चाहिए। ऐसे में हमें ब्याज के ऊपर ब्याज वसूले जाने की कोई तुक नजर नहीं आती है। पीठ ने आगरा निवासी गजेन्द्र शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह कहा। गजेन्द्र शर्मा ने रिजर्व बैंक की 27 मार्च की अधिसूचना के उस हिस्से को उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया है जिसमें स्थगन अवधि के दौरान कर्ज राशि पर ब्याज वसूले जाने की बात कही गई है। इससे याचिकाकर्ता जो कि एक कर्जदार भी है का कहना है कि उसके समक्ष कठिनाई पैदा होती है
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