बनारस से अजय राय पीएम मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में…

0

कांग्रेस की वाराणसी लोकसभा सीट से अजय राय को फिर से टिकट मिला है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक बार फिर से अजय राय को कांग्रेस से मंजूरी मिली है.  2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय राय नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में थे.  पिछले दो चुनाव में नरेंद्र मोदी के साथ चुनावी मैदान में खड़े अजय राय का मानना है कि वह काशी के लाल है, पिछले दो चुनाव जो वोट उनसे दूर गए थे वो सारे इस बार वापस आ जाएंगे.

टिकट मिलने के बाद बनारस मे हुआ स्वागत

23 मार्च की देर रात अजय राय का बनारस से टिकट फाइनल हुआ जिसके बाद आज दोपहर मे बनारस मे उनका स्वागत करने के लिए सुबह से कार्यकर्ताओं की भीड़ उनके आवास पर जुटी हुई थी.  वाराणसी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने बताया कि “बनारस की जनता की नज़र अजय राय पर टिकी है, ऐसे में उन्हे टिकट मिलने पर कार्यकर्ताओं में खुशी और उल्लास का माहौल है”.

Also Read: आइए जानते हैं भारत में कहां-कहां और कैसे मनाई जाती है होली

5 बार विधायक रह चुके है अजय राय

अजय राय 5 बार उत्तर प्रदेश से विधायक रह चुके है.  1996, 2002 और 2007 में भारतीय जनता पार्टी से विधायक रह चुके है, हालांकि 2009 में जब वह समाजवादी पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़े थे तब करीब 79000 वोटों से वह हार गए थे.  लेकिन 2009 में ही उत्तर प्रदेश विधानसभा के कोलासला विधानसभा के उपचुनाव मे वह वापस से विधायक चुने गए थे.  उसके बाद 2012 में नवनिर्वाचित पिंडरा विधानसभा से वह कांग्रेस पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े और वहाँ से जीत गए.

भाजपा अब अटल जी वाली नहीं बल्कि 2G वाली हो गई है: अजय राय

शुरुआती दिनों मे भाजपा से विधायक रह चुके है अजय राय.  जर्नलिस्ट कैफै से बात करते वक़्त उन्होंने बताया कि अब ये भाजपा अटल जी वाली नहीं रही, अब यह मोदी और अमित शाह की भाजपा है.  उनका यह भरोसा था कि वह काशी के लाल है और उन्हे इस बार काशी की जनता का स्नेह और प्यार जरूर मिलेगा.

रोपवे की जगह बनारास के लिए मेट्रो होगा कारगर: अजय राय

प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल मे हुए बनारस मे विकास को फ्लॉप बताते हुए उन्होंने बनारस मे शुरू होने वाले रोपवे प्रोजेक्ट को नकार दिया.  अजय राय का कहना था कि बनारस मे रोपवे प्रोजेक्ट एकदम फ्लॉप साबित होगा, और बनारस को समस्या से निजात नहीं मिला.  उन्होंने बनारस के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट लाने की बात भी आगे रखी.

Also Read: सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी की गूंज पूरी दुनिया में, जर्मनी ने यह कहा..

अमेठी और राए-बरेली की सीट को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही थी उसपर भी अजय राय ने स्पष्ट रूप से गांधी परिवार मे से उम्मीदवारी संकेत दिए है.  अपनी ही जीत की नहीं बल्कि पार्टी की जीत की भी जिम्मेदारी है इस बार अजय राय के ऊपर.  2023 में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनाए गए थे, ऐसे मे देखना यह होगा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कहाँ तक पहुँच पाती है.

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More