आइए जानते हैं भारत में कहां-कहां और कैसे मनाई जाती है होली

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होली भारत का ऐसा त्योहार व उत्सव है जो दुनियाभर के लोगों को अपने तरफ आकर्षित करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के कई राज्यों में अलग-अलग ढंग से होली खेली जाती है. होली की ये अद्भुत परंपराएं आपको जरूर जाननी चाहिए ताकि अगली बार होली पर आप बहुरंगी भारत के किसी और प्रदेश मे होली मनाने का लुत्फ़ उठा सके. आइए हम आपको देश में खेली जाने वाली अलग-अलग होलियों के बारे मे बताते हैं…

उत्तर प्रदेश की लट्ठमार और मसान होली

मथुरा वृंदावन की लठमार होली की प्रसिद्ध भारत ही नहीं दुनियाभर में है. यहां लठमार होली की सदियों पुरानी परंपरा है जिसमें महिलाएं डंडों या लठ से पुरुषों को खेल-खेल में मारती हैं और रंग लगाती हैं. लठमार होली, होली से एक सप्ताह पहले मनाई जाती है.

काशी की होली अद्भुत और विहंगम भी है. यहां की मसाने वाली होली दुनिया में कहीं और नहीं खेली जाती. काशी महादेव की नगरी में श्मशान में चीता की राख और भस्म से होली खेली जाती है. मान्यता है कि रंगभरी एकादशी के अगले दिन बाबा विश्वनाथ ने काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अपने भक्तों के साथ होली खेली थी. जलती चिताओं के बीच डमरू और शंख की आवाज के बीच अघोरी, तांत्रिक और साधु संत एक दूसरे को वही राख लगाते हैं.

महाराष्ट्र में रंग पंचमी

महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में मच्छवारा समुदाय रहता है. रंग पंचमी त्योहार मूल रूप से उनका ही त्योहार है. रंग पंचमी होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है. उत्सव के दौरान गायन और नृत्य का कार्यक्रम होता है.

राजस्थान में रॉयल होली

राजस्थान के उदयपुर मे मेवाड़ के शाही परिवार के तरफ से होली के त्योहार पर खास आयोजन होता है. मेवाड़ के शाही परिवार की तरफ से खेली जाने वाली रायल होली के तहत एक पारंपरिक अलाव जलाया जाता है. स्थानीय लोग अलाव के चारों ओर लोक नृत्य करते हैं.

पश्चिम बंगाल मे बसंत उत्सव

पश्चिम बंगाल मे होली को गायन और नृत्य के साथ बसंत उत्सव के रूप मे मनाया जाता है. बंगाल में बसंत उत्सव मनाने की परंपरा सबसे पहले नोबल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर ने विश्व भारतीय शांति निकेतन में शुरू की थी जो आज भी जारी है.

पंजाब का होला मोहल्ला

होला मोहल्ला को योद्धा होली के रूप में जाना जाता है जो खासकर पंजाब में मनाया जाता है. यह त्योहार निहंत सिक्खों द्वारा मनाया जाता है वे मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करने के दौरान गीत गाते हैं. पंजाब में होली का त्योहार बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. बता दें कि पंजाब में होली का त्योहार होला मोहल्ला के नाम से प्रसिद्ध ये त्योहार श्री आनंदपुर साहिब में तीन दिनों तक मनाया जाता है. इस त्योहार के दौरान आनंदपुर साहब में म्यूजिक और कविता प्रतियोगिताएं करवाई जाती है.

केरल में होली मंजल कुली

दक्षिण भारत में होली उतना प्रसिद्ध नहीं है लेकिन केरल में होली मंजल को कुली नाम से मनाई जाती है. राज्य में होली रंगों से नहीं खेली जाती. यहां होलिका दहन होता है और प्राकृतिक तरीके से होली मनाई जाती है. केरल के कुटुंबी और कॉनकारी समुदायी के बीच पारंपरिक उत्सव प्रचलित है. उत्सव के पहले दिन लोग कोसरिपुरम के कॉनकारी मंदिर जाते हैं और अगले दिन और वो पानी और हल्दी से होली खेलते हैं.

गोवा का सिगमों

सिगमों एक कार्निवल फेस्टिवल है. इसमें गोवा के लोग सड़कों पर पारंपरिक संगीत और रंगों के साथ डांस करते हैं. गोवा के कार्निवल फेस्टिवल हिस्सा लेने के लिए लोग दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां किसानों द्वारा पारंपरिक लोक और नुक्कड़ नृत्य किये जाते हैं. यहां तक कि गोवा में पर्यटक भी इस त्योहार को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं.

बिहार की कुर्ताफाड़ होली

बिहार में फागुन पूर्णिमा पर वहां फगुआ गाने और कुर्ताफाड़ होली खेलने की परंपरा हैं. आपने लालू यादव के पुराने दिनों में उन्हें कुर्ताफाड़ होली खेलते जरूर देखा होगा. बिहार में होली पर फाग या फगुआ गाने की परंपरा है और साथ ही लोग एक दूसरे के कुर्ते भी फाड़ते हैं. आज भी स्थानीय लोग इस परंपरा को जारी रखे हुए हैं.

याओसांग मणिपुर

मणिपुर में होली को याओसांग के नाम से जाना जाता है जो छह दिनों तक मनाया जाता है. यह पूर्णिमा के दिन शुरू होता है और हिन्दू और स्वदेशी परम्पराओ को जोड़ता है. त्योहार का मुख्य आकर्षण थाबल चोंगबा है जो एक मणिपुरी लोक नृत्य है और इसी दौरान किया जाता है. परम्पराओं को जोड़ने और एकरूपता बनाए रखने के लिए मणिपुर के हिन्दू इस त्योहार को रंगों से भी खेलते हैं.

written by- tanisha srivastava

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