Agnipath Protest: क्या बवाल करने वालों को मिल सकती है सरकारी नौकरी?

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केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में हिंसक प्रदर्शन लगातार जारी है. सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ की जा रही है. अब तक 15 राज्यों से इस तरह की घटनाओं की खबर आ चुकी हैं. दो लोगों की मौत भी हो चुकी है. इसमें एक प्रदर्शनकारी युवक बताया जा रहा है. इन सबके बीच सवाल उठता है कि क्या बवाल करने वालों को सरकारी नौकरी मिल सकती है? जिसका जवाब सुप्रीम कोर्ट के वकील चंद्र प्रकाश पांडेय ने दिया है.

चंद्र प्रकाश ने बताया ‘बड़ी संख्या में युवा अनेक तरह की सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी करते हैं. किसी भी व्यक्ति को किसी भी सरकारी सेवा में नियुक्त करने के पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन करवाया जाता है. ऐसे पुलिस वेरिफिकेशन में सबसे महत्वपूर्ण चीज यह देखी जाती है कि अभ्यर्थी का कोई आपराधिक रिकॉर्ड है या नहीं. किसी भी अभ्यार्थी पर बहुत अधिक आपराधिक प्रकरण नहीं होना चाहिए और कोई भी ऐसा प्रकरण नहीं होना चाहिए जिसमें 3 वर्षों से अधिक के कारावास का प्रावधान है. खासतौर पर ऐसे अपराध जो नैतिक अधमता जैसे मानव शरीर से संबंधित अपराध, संपत्ति से संबंधित अपराध और देश के विरुद्ध होने वाले अपराध से जुड़े हो. अगर कोई अभ्यर्थी ऐसे मामलों में लिप्त होता है या उसके खिलाफ ऐसा कोई केस विचाराधीन होता है तो उसे सरकारी सेवा में नहीं लिया जा सकता है. हां, अगर अभ्यर्थी को उस केस में बाइज्जत बरी कर दिया गया है, तब उसे सरकारी सेवा में लिया जा सकता है, भले ही रिकॉर्ड पर उस अभ्यार्थी के मामले में यह दर्ज हो कि उस पर मुकदमा चला है.’

इन्हें भी समझें

– अगर बार-बार किसी व्यक्ति पर धारा 151 की कार्रवाई की गई है, तब उसे सरकारी सेवा में नहीं लिया जाता है.

– अगर किसी सरकारी सेवा की तैयारी करते हुए व्यक्ति की किसी अपराध में गिरफ्तारी होती है और उस गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को 48 घंटे से अधिक पुलिस हिरासत में रखा जाता है या फिर न्यायिक हिरासत में रखा जाता है. तब ऐसे व्यक्ति को सरकारी सेवा का अवसर प्राप्त नहीं हो सकता. जब तक की उसके द्वारा यह साबित नहीं कर दिया जाता है कि उसे उस मामले में बाइज्जत बरी कर दिया गया है.

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