युवाओं के बाद अब कोरोना की गिरफ्त में मासूम बच्चे
राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर में एक तरफ जहां युवा सर्वाधिक शिकार हो रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर इस खतरनाक वायरस ने मासूम बच्चों को भी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। चिकित्सा विभाग के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो इस साल जनवरी से अब तक कुल पॉजिटिव मरीजों में से पांच फीसदी बच्चे हैं। ये सभी पीड़ित 14 साल की उम्र तक के हैं।
एक महीने में बढ़ें आकड़ें
चिकित्सकों की चिंता इसलिए है क्योंकि बच्चों में संक्रमण के आंकड़े एक माह में एकाएक बढ़ने लगे हैं। खास तौर पर 5 से 14 साल के बीच के बच्चों में सर्वाधिक कोरोना संक्रमण देखने को मिल रहा है। यदि पिछले साल के आंकड़ों से तुलना की जाए तो भी 14 साल के बच्चों में पिछले साल की तुलना में संक्रमण में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
पिछले साल दिसम्बर तक कुल 4 फीसदी के आसपास 14 साल के बच्चे कोरोना पॉजिटिव आए थे, लेकिन इस साल के शुरूआत चार माह में ये आंकड़ा बढ़कर पांच फीसदी को भी पार कर गया है।
चिकित्सक इसके पीछे सबसे बड़ी वजह लापरवाही को मानते है, क्योंकि जैसे ही जनवरी फरवरी में केस कम होने लगे तो अधिकांश लोगों से मास्किंग की पालना करना बन्द सा कर दिया। नतीजन मार्च में कुछ केस बढ़े और फिर अप्रैल में कोरोना का बड़ा विस्फोट सामने आया। आंकड़ों के जरिए समझिए किस उम्र के कितने प्रतिशत लोग दूसरी वेव में संक्रमण का शिकार हुए हैं।
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(एक जनवरी 2021 से अब तक का डेटा एनालिसिस)
उम्र पेशेंट प्रतिशत
0-14 5.1
15-29 30.2
30-44 31.3
45-59 20.8
60 या इससे अधिक उम्र-12.5
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