वाराणसी में रोपवे निर्माण में बाधक बने करीब 12 भवनों व दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई गुरूवार से शुरू हो गई. गिरजाघर चौराहा के पास 9 मीटर की सड़क को अब 15 मीटर चौड़ा किया जाएगा. इसके लिए नगर निगम की प्रवर्तन टीम ने निशान लगाने के बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी. दुकानों पर निशान लगाने के बाद तोड़फोड़ शुरू होते ही कई दुकानदारों की धड़कनें बढ़ गईं. इस दौरान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का कुछ लोगों ने विरोध किया. लेकिन फोर्स की मौजूदगी में नगर निगम के अधिकारियों ने उन्हें समझाकर शांत करा दिया. अधिकारियों के अनुसार सड़क के दोनों तरफ तीन-तीन मीटर की सर्विस लेन होगी. एक मीटर में बिजली के तार बिछाए जाएंगे और 2 मीटर में अन्य संसाधनों को शिफ्ट कराया जाएगा. इसके बाद सड़क चालू कर दी जाएगी. गौरतलब है कि गिरजाघर के पास ही रोपवे का टावर खड़ा होगा. इस काम को शुरू करने से पहले मशीनों को खड़ा करने के लिए जगह तैयार कराई जा रही है.
24 मार्च 22 को प्रधानमंत्री ने रखी थी रोपवे की नींव
आपको बता दें कि 24 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 645 करोड की लागत से बननेवाले रोपवे की नींव रखी. इससे स्थानीय लोगों, पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को गोदौलिया, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और दशाश्वमेध घाट तक आने-जाने में सुविधा होगी. कैंट रेलवे स्टेशन (वाराणसी जंक्शन ) से गोदौलिया के बीच रोपवे का काम हो रहा है. इस परियोजना में 644.49 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. इससे लोगों को जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी. कैंट पर रोपवे स्टेशन बनने से ट्रेन और बस से यात्रा करने वाले दोनों यात्रियों को सहूलियत मिलेगी.
कैंट से गोदौलिया तक बनेंगे पांच स्टेशन, 16 मिनट में तय होगी दूरी
नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनुराग त्रिपाठी के मुताबिक वाराणसी कैंट स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक पांच स्टेशन होंगे.
देश का पहला और दुनिया का तीसरा शहर बनारस होगा जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए रोपवे का इस्तेमाल होगा. कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक 3.8 किलोमीटर की दूरी करीब 16 मिनट में पूरी होगी. जमीन से 50 मीटर की ऊंचाई पर ट्रॉली होगी और एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते हैं। एक घंटे में दोनों छोर से 6000 यात्री कर यात्रा करेंगे.