बीएचयू में एबीवीपी के छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में गुरुवार की सुबह एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने विश्वविद्यालय में छात्रों की समस्याओं को लेकर जमकर नारेबाजी की और धरने पर बैठ गए. करीब 1 घंटे के धरना-प्रदर्शन के बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड के चीफ प्रॉक्टर और डीन ऑफ स्टूडेंट अनुपम कुमार नेमा ने मौके पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं से वर्ता कर ज्ञापन लिया. उन्होंने उनकी मांगो को विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने रखने की बात कही.
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परिसर में पेड़ों की कटाई समेत इन मुद्दों को लेकर है नाराजगी
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर से संबंधित कई समस्याओं पर अपनी चिंता व्यक्त की. परिसर में पेड़ों की कटाई, छात्रावास में रूम आवंटन के बिना ही कक्षाओं का संचालन, शोध प्रक्रिया में लेट-लतीफी को लेकर छात्रों में नाराजगी देखने को मिली.
रूम आवंटन के बाद शुरु की जाए कक्षाएं
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष प्रशांत राय के मुताबिक छात्रों को बिना छात्रावास में रूम आवंटित किये ही कक्षाओं का संचालन शुरु कर दिया गया है. उन्होंने कहाकि इससे छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है. उन्होंने छात्रों के रूम आवंटन के बाद ही कक्षाओं के संचालन और परीक्षा कराने की मांग की है.
वायलिन के कोर्स को बंद न कराने की मांग
विश्वविद्यालय इकाई के उपाध्यक्ष आनंद माथुर ने मंच कला संकाय में चल रहे वायलिन के कोर्स को बंद न करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे सबंधित कोर्स के छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी छात्रों का ध्यान रखना चाहिए, चाहे वह बीएचयू में कोई भी विभाग से जुड़े हुए हों.
इनकी रही मौजूदगी
विरोध प्रदर्शन में खेलो भारत के प्रांत संयोजक पल्लव सुमन, आयुष सिंह, अभिषेक चतुर्वेदी, सूर्यांश मिश्रा, यशवर्धन सिंह, सुधांशु राय, रघुनन्दन, केसरी नंदन, रुक्मिणी पाठक, दिलीप मूर्मू, कुलदीप शाहू सहित अन्य बीएचयू के छात्र रहे.
आये दिन हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन
बता दें कि बीएचयू में पिछले कुछ दिनों से आयेदिन समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. नीट परीक्षा में धांधली, यूजीसी-नेट का फिर से परीक्षा कराने, बीएचयू में एयरोड्रम, डेयरी और प्रिटिंग प्रेस को बंद करने आदि को लेकर विरोध प्रदर्शन हांे चुके हैं. लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन से पठन-पाठन बाधित हो रहा है. यह प्रदर्शन कुछ दिनों के अंतराल पर ही हुए हैं. छात्रों का विरोध यह दर्शाता है कि बीएचयू में काफी समस्याएं है या फिर छात्रों का प्रशासन के प्रति विश्वास कम हुआ है. प्रशासन छात्रों की समसयाओं के निराकरण में विफल दिखाई दे रहा है.