पुलिस हिरासत में दिन भर रहे इंदिरा नगर निवासी अभिषेक गुप्ता शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एसपी गोयल पर रिश्वतखोरी के अपने आरोप से मुकर गए। कहा, एक करोड़ रुपये कर्ज लेने और प्रतिमाह एक लाख रुपये से ज्यादा ब्याज की किस्त भरने के बावजूद पेट्रोल पंप की जमीन निरस्त होने से वह मानसिक संतुलन खो बैठे और रिश्वतखोरी का आरोप लगा दिया।
शुक्रवार की शाम को अभिषेक को पुलिस ने छोड़ दिया
उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सुबह ही इस मामले की जांच मुख्य सचिव राजीव कुमार को सौंपे जाने के बाद जांच-पड़ताल में तेजी आ गई। राजीव कुमार ने संबंधित अधिकारियों से बिंदुवार पूछताछ की। शुक्रवार की शाम को अभिषेक को पुलिस ने छोड़ दिया। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने अभिषेक गुप्ता का एक वीडियो मीडिया के लिए जारी किया। इस वीडियो में अभिषेक गुप्ता ने कहा ‘मेरे पेट्रोल पंप के लिए ग्राम समाज की जमीन देने की फाइल गोयल साहब के पास गई थी और मैं इसके लिए उनसे मिला।
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पहले उन्होंने हामी भरी लेकिन, बाद में प्रस्ताव निरस्त कर दिया। मैं बर्बाद होने की स्थिति में हूं। मुख्यमंत्री जी मैं आपसे मिलना चाहता हूं। मेरी फाइल निरस्त हो गई तो दिमागी संतुलन खो बैठा और मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। मैंने एसपी गोयल साहब पर इस तरह का आरोप लगा दिया और मुङो इस बात का दुख है कि यह हो क्या रहा है।’ इस मामले में अभिषेक के नाना ओमप्रकाश गुप्ता ने लिखित में माफी मांगी है।
नासमझी और गलती को माफ किया जाए
अभिषेक की तरफ से सीओ हजरतगंज को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि आरोप गलत है। बच्चे की नासमझी और गलती को माफ किया जाए। लंबी पूछताछ के बाद अभिषेक को छोड़ा शुक्रवार सुबह पुलिस ने अभिषेक को उनके इंदिरानगर स्थित आवास से उस समय उठा लिया जब वह प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहे थे। दिन भर पुलिस हिरासत में पूछताछ के बाद अभिषेक को छोड़ दिया गया।
भाजपा के नेता का नाम लेकर दबाव बनाया
एसएसपी दीपक कुमार के अनुसार ‘अभिषेक ने बताया कि उसने एक करोड़ रुपये लोन लिया और बेरोजगारी की स्थिति में आने की वजह से उसने भाजपा के नेता का नाम लेकर दबाव बनाया। उसने लिखित स्पष्टीकरण दिया है। उसे उसके नाना को सौंप दिया गया है और अब विवेचना आगे चलेगी।’ गुरुवार को भाजपा मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित ने हजरतगंज कोतवाली में अभिषेक के खिलाफ भाजपा संगठन महामंत्री के नाम के दुरुपयोग करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
दीक्षित का कहना था कि अभिषेक ने मुख्यमंत्री के विशेष सचिव शुभ्रांत शुक्ला पर संगठन महामंत्री के नाम लेकर दबाव बनाया था। अभिषेक के हिरासत में लिये जाने के बाद उनके नाना ओमप्रकाश और उनकी बहन मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर मीडिया के सामने बिलख पड़े। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े ओमप्रकाश ने बताया कि वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय के समय प्रचारक रहे। उन्होंने अपने नाती को बेकसूर बताया।
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