GF को इंप्रेस करने के लिए नकली दरोगा बन झाड़ता था रौब और फिर…

0

प्रेमिका को इंप्रेस करने की खातिर दारोगा बनना लखनऊ के एक युवक को काफी भारी पड़ गया। फिलहाल वह जेल में है।प्रदेश की राजधानी में गर्लफ्रेंड को रिझाने के लिए एक युवक ने दारोगा की वर्दी पहन ली। कमर में कंट्री मेड पिस्टल लगाकर लोगों पर रौब गांठने लगा। इसकी सूचना पुलिस को मिली तो पारा पुलिस ने रात नहर पुल चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से दो जिंदा कारतूस भी बरामद किए हैं।

also read : कमला मिल्स अग्निकांड में खुलासा: हुक्के से फैली आग ने मचाई तबाही

वह दिल्ली से आ रहे कुछ लड़कों की कार में लिफ्ट लेकर लखनऊ आ रहा था। प्रेमिका के प्यार में युवक इस हद तक पहुंच गया कि पुलिस की वर्दी पहन कर नकली दारोगा बन गया। उसने हजारों रुपये खर्च करके तमंचा व पुलिस की वर्दी खरीदी। जिसे पहन कर वह प्रेमिका को दिखाने के लिये पुलिस अधिकारी बन गया। पारा थाना क्षेत्र में कार में घूम रहे ऐसे ही एक शख्स को देखकर पुलिस को कुछ शक हुआ। जब उससे पूछताछ की गयी तो सारा मामला सामने आ गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सीओ आलमबाग संजीव सिन्हा के मुताबिक आरोपित दिनेश सिंह इटावा जनपद के भिठौली लालघाटा का रहने वाला है।

पुलिस की वर्दी पहन कर नकली दारोगा बन गया था

उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। रात एक कार खुशहाल गंज की ओर से आ रही थी। कार हूण्डई वरना नंबर (डीएल 2 सीएएम 7748) को शक होने पर रोक कर जांच की गयी तो उसमें पुलिस की वर्दी पहने एक शख्स मिला। जिसने पहले तो पुलिस पर गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच में तैनात दारोगा बताकर पुलिस को अर्दब में लेने की कोशिश की। पुलिस को कुछ शक हुआ तो उससे सख्ती से पूछताछ की। जिस पर उसने पुलिस को बताया कि वह अपनी प्रमिका को रिझाने के लिये पुलिस की वर्दी पहन कर नकली दारोगा बन गया था।

ALSO READ : विश्वास पर AAP का तंज : फुके कारतूस भी खुद को बाहुबली कहते हैं

इस बीच पारा थानाध्यक्ष अजय त्रिपाठी को चेकिंग के दौरान गाड़ी के डैश बोर्ड पर कंट्री मेड पिस्टल मिली। दिनेश दारोगा की वर्दी पहने था। कंधे पर दो स्टार लगे थे। पूछताछ के दौरान दिनेश ने पहले टाल-मटोल की कोशिश की। उसने बताया कि वह 2011 बैच का दारोगा है और गाजियाबाद क्राइम ब्रांच में उसकी तैनाती है। गाजियाबाद में पूछताछ की गई तो इस नाम के किसी दारोगा की क्राइम ब्रांच में तैनाती नहीं पायी गई। फिर उसने बताया कि वह ओबीसी है और एससी का सर्टीफिकेट लगाकर नौकरी पाई थी। इसी कारण बर्खास्त कर दिया गया था। तभी मुंगेरी पिस्टल की आशंका पर थाने लाकर कड़ाई से पूछताछ की गई, तो वह वहां पर टूट गया। उसने बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड को पसंद है कि वह दारोगा की वर्दी पहने और पिस्टल लगाए।

कारतूस बरामद होना एक संगीन अपराध है

गर्लफ्रेंड का भाई फोर्स में है। वह गर्लफ्रेंड को रिझाने और लोगों पर रौब गांठने के लिए दारोगा की वर्दी पहनता था और पिस्टल लगाता था। कार सवार युवकों ने बताया कि दिल्ली से आते समय गाजियाबाद में दिनेश को लिफ्ट दी थी। दिनेश दारोगा की वर्दी पहने था और उसे भी लखनऊ आना था इसी कारण कार में बैठा लिया। सीओ का कहना है कि दिनेश का दारोगा की वर्दी पहनकर लखनऊ आना संदेह के घेरे में है। सीओ आलमबाग ने बताया कि प्रथम दृष्टया इसके पास अवैध रूप से पिस्टल के साथ दो जिन्दा कारतूस बरामद होना एक संगीन अपराध है। जो कही न कहीं इसके अपराधी होने का संकेत दे रहा है, मामले की जांच की जा रही है। इटावा के भिठौली थाने से पता लगाया जा रहा है कि दिनेश का कोई अपराधिक इतिहास तो वहां दर्ज नहीं है।

गांव के लोगों को भी रखा था अंधेरे में

थानाध्यक्ष पारा ने बताया कि दिनेश ने अपने गांव में भी लोगों को बता रखा था कि वह क्राइम ब्रांच में दारोगा है। वह कभी-कभार गांव जाता था। ग्र्रामीणों को भी दारोगा होने का रौब दिखाता था। दिनेश के पास से दो कारतूस भी बरामद किए गए हैं।

कहीं टोल टैक्स भी नहीं पड़ा

कार सवार लड़कों ने बताया कि दिल्ली से आते समय जब उन्होंने दिनेश को लिफ्ट दी तो उनका भी फायदा हुआ। टोल टैक्स जहां पड़ता था दिनेश की वर्दी देखकर गाड़ी तुरंत पास हो जाती थी। वह खुद को दारोगा बताकर टोल कर्मियों पर पूरा रौब दिखाता था।

सत्रह हजार में खरीदी पिस्टल

पूछताछ के दौरान पकड़े गये दिनेश सिंह निवासी लाल बाटा थाना भिटौली जनपद इटावा ने बताया कि उसने ग्वालियर विवि से बीएससी की है। उसकी प्रेमिका पुलिस में अधिकारी है। पुलिस के प्रति उसकी पसंद को देखकर उसने पहले इटावा पुलिस लाइन से जाकर एक पुलिस की वर्दी 17 सौ रुपये में खरीदी। उसके बाद भिण्ड जाकर एक परिचित की मदद से 17 हजार में एक .32 बोर की एक पिस्टल खरीदी। जिसके साथ उसे दो कारतूस भी दिये।

(दैनिक जागरण)

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More