सालों से बिहार में सत्तू बेच रही है ये विदेशी महिला

0

सत्तू और बिहार एक दूसरे के पूरक हैं। इसे बिहारियों की जान भी कहते हैं। वैसे तो सत्तू का इस्तेमाल कई रूपों में होता है, लेकिन सत्तू की पहचान ‘शर्बत’ से की जाती है। स्वास्थ के लिहाज से यह काफ़ी लाभदायक है। वैज्ञानिक भी इसे सही मानते हैं। बिहार में इसे गरीबों का हेल्थ ड्रिंक भी कहा जाता है।

भारतीय तो सत्तू के दिवाने है ही, साथ ही साथ सत्तू की धूम पूरे विश्व में देखने को मिलती है। दक्षिण कोरिया निवासी ग्रेस ली क़रीब 20 साल पहले सत्तू के कारण ही बिहार की राजधानी पटना में आ कर बस गईं। वो दक्षिण कोरिया के चुन चीआन शहर की रहने वाली हैं। आज ये बिहार में रह कर सत्तू बेच रही हैं। इनकी कहानी आपको और रोचक लगेगी।

‘मैं आधी बिहारी हूं’

ग्रेस ली और उनके पति यांज गिल ली को 2005 में स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियां हुईं। अपने एक बिहारी दोस्त की सलाह पर ग्रेस ने सत्तू को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया। पहले वो ख़ुद सत्तू की दीवानी हुईं और बाद में अपने कोऱियाई दोस्तों को इसका दीवाना बनाया। उसके बाद उन्होंने हिन्दी सीखी और बिहार की संस्कृति को नज़दीक से देखा। आज वो गर्व से कहती हैं कि “मैं आधी बिहारी हूं।”

सत्तू से विश्व का पेट भरा जा सकता है

ग्रेस ली सत्तू के गुण से काफ़ी प्रभावित हैं। उनका मानना है कि विश्व में सत्तू ही एक ऐसा अनाज है, जिससे पूरे विश्व का पेट भरा जा सकता है।

दक्षिण कोरिया को भी सत्तू का दिवाना बना रही हैं

ग्रेस ली हर साल 40 किलो सत्तू दक्षिण कोरिया और दो क्विंटल सत्तू भारत में रहने वाले अपने कोरियाई दोस्तों को 500 रुपए प्रति किलो की दर पर बेचती हैं।

sattu_women

दिल्ली में 20 साल से रह रहे किम सुंग सु उनके ग्राहकों में से एक हैं। वो 2006 से ही सत्तू पी रहे हैं। 65 साल के किम सुंग सु ने फ़ोन पर बताया कि वो छह महीने का सत्तू मंगाकर रख लेते हैं और उसे सुबह शहद के साथ पीते हैं।

बिहार में सबसे शुद्ध सत्तू बनाती हैं

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आस-पास के खरीददार ली की दुकान से ही सत्तू खरीदते हैं। उनका मानना है कि ली शुद्ध सत्तू बेचती हैं।

अपनी ज़िंदगी को सत्तूमय बना दिया

ग्रेस ली सत्तू के सहारे पूरी दुनिया की भूख मिटाना चाहती हैं। उनका मानना है कि अफ्रीकी देशों में सत्तू की मदद से लोगों को पौष्टिक आहार दिया जा सकता है। आपदा के समय भी इसका भरपूर इस्तेमाल किया जा सकता है।

सत्तू के साथ प्रयोग

ली अपने पति के साथ सत्तू में कई प्रयोग करती रहती हैं। सत्तू के पाउडर में वो बहुत सारे अनाज मिलाती हैं। साथ ही साथ औषधि का भी प्रयोग करती हैं।

ये हमारे लिए सबसे गर्व की बात है कि एक विदेशी महिला हमारी चीज़ों को पूरी दुनिया में प्रचारित कर रही हैं। सत्तू न सिर्फ़ पौष्टिक आहार है, बल्कि हमारे लिए एक संस्कृति भी है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More