दिल्ली के सरोजनी नगर स्थित एक स्कूल का हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पर सात स्टूडेंट्स को ये कहते हुए निकाल दिया गया कि उनसे बदबू आती है, जिससे अमीर घराने के बच्चों को परेशानी होती है। अब पीड़ित बच्चों के परिवार स्टूडेंट्स को वापस लिए जाने को लेकर स्कूल के चक्कर काट रहे हैं।
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वहीं संबंधित स्कूल ने इस तरह के किसी भी मामले से इनकार किया है। उनकी ओर से कहा गया कि जो परिवार आरोप लगा रहे हैं, उन्होंने खुद स्कूल से अपने बच्चों को निकलवाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरोजनी नगर स्थित एनपी को-एजुकेशन सेकंडरी स्कूल ने चार महीने पहले एक बच्चे को उसके शरीर से बदबू आने के कारण ट्रांसफर सर्टिफिकेट देते हुए निकाल दिया। पिछले साल भी यही दलील देते हुए अन्य छह बच्चों को भी स्कूल आने से रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि ये सभी बच्चे गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं।
स्कूल ने कहा- आपके बच्चों में से बदबू आती है
पीड़ित बच्चों में से एक परिवार ने बताया कि बच्चों को निकालने से पहले उन्हें बुलाया गया और कहा गया कि आपका बच्चा नहाकर नहीं आता है, उसके कपड़े भी गंदे रहते हैं, जिस वजह से उसमें से बदबू आती है। उन्होंने आगे बताया कि, स्कूल ने उनसे कहा कि, बच्चे के साथ पढ़ने वाले अमीर बच्चों को इससे परेशानी होती है, इसे लेकर कई शिकायतें आई हैं, इसलिए आपके बच्चे अब यहां नहीं पढ़ सकते। पीड़ित परिवारों ने न्याय पाने के लिए एनजीओ का सहारा लिया है। एनजीओ के स्कूल पहुंचने पर गरीब बच्चों को निकाले जाने का मामला सामने आया है।
स्कूल ने दी ये दलील
हालांकि, स्कूल ने इस तरह के किसी भी आरोपों से इनकार किया है। स्कूल प्रशासन का कहना है कि बच्चों को उनके अभिभावकों ने खुद ही स्कूल से निकलवाया है। उन्होंने कहा कि संबंधित परिवारों ने स्कूल में चिट्ठी दी थी कि वे गांव जा रहे हैं, इस वजह से अपने बच्चों को निकलवाना चाहते हैं। इस बेसिस पर उन्हें ट्रांसफर सर्टिफिकेट दे दिया गया था। स्कूल ने ये भी कहा कि एक बच्चे को इसलिए निकाला गया था क्योंकि वो क्लास में हिंसक हो जाता था, हालांकि, उसे भी बाद में दोबारा दाखिला दे दिया गया।
ZEENEWS
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