यूपी पुलिस की ये तकनीक अपराधियों की कमर तोड़ देगी

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राजधानी लखनऊ के यूपी 100 भवन में गुरुवार को यूपी पुलिस(up police) द्वारा सीसीटीवी सर्विलांस को लेकर कॉन्फ्रेंस ‘दृष्टिकोण’ का आयोजन किया गया है। सीसीटीवी सिस्टम को देश और प्रदेश में और प्रभावी बनाने के लिए यूपी-100 मुख्यालय में आलाधिकारी मंथन कर रहे हैं। इस मौके पर डीजीपी ओपी सिंह समेत कई आलाधिकारी मौजूद हैं।

यूपी वासियों को जल्द मिलेगी सेवा

इस दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि यूपी पुलिस का प्रयास आमजन के लिए बेहतर तकनीक का इस्तेमाल कर प्रभावशाली एवं पारदर्शी पुलिसिंग उपलब्ध कराया जाना है।

आपके आसपास होने वाली अनचाही हलचल पर बिल्डिंग में लगा कैमरा न सिर्फ आपको सतर्क करेगा बल्कि इसकी सूचना पुलिस को देगा। इसके बाद चंद मिनटों में पुलिस मौके पर होगी। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो यह सेवा जल्द ही यूपीवासियों के लिए उपलब्ध होगी।

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इस संबंध में यूपी 100 के एडीजी आदित्य मिश्र ने बताया कि आने वाले दिनों में क्लाउड सर्वर पर उपलब्ध फीड का वीडियो एनॉलिसिस के माध्यम से अलर्ट सेट किया जा सकता है। इससे संबंधित कैमरे के दायरे में होने वाली अनचाही हलचल की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को पहुंच जाएगी। फिर कंट्रोल रूम से यही सूचना नजदीकी पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) को मिलेगी और वह तत्काल मौके पर पहुंच जाएगी।

विदेशों में कारगर है यह तकनीक

दरअसल, यह तकनीक विदेशों में कारगर साबित हो रही है। यही वजह है कि भारत में पहली बार इसका प्रयोग उत्तर प्रदेश में करने पर विचार किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, इसके लिए क्लाउड सर्वर पर उपलब्ध फीड से डाटा एनालिसिस के बाद यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

आजकल बाजार में अब जो भी सीसीटीवी कैमरे आ रहे हैं, वह आईपी बेस्ड हैं। इन कैमरों में जीपीएस चिप का भी ऑप्शन है, जो इसकी लोकेशन बताएगा। इन कैमरों में जिस तरह का अलर्ट सेट होगा, उस तरह की हरकत होने पर कैमरा सीधे आपके मोबाइल पर मैसेज भेजने के साथ ही पुलिस कंट्रोल रूम को भी एक अलर्ट भेजेगा।

अपराधियों के लिए काल बनेगी यह तकनीक

अधिकारियों की मानें तो सार्वजनिक व भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में भी अनचाही हरकत, झगड़ा व अपराधियों के आने पर भी कैमरा पुलिस को सतर्क कर देगा। यह तकनीक पुलिस महकमे के साथ ही नगर निकायों के लिए बेहद उपयोगी है।

कूड़े के ढेर लगने की सूचना नगर निकाय के कंट्रोल रूम को स्वत: पहुंच जाएगी। इसके लिए संबंधित फीड के एक्सेस की परमिशन देनी होगी। उन्होंने बताया कि यह सुविधा बहुत ही कम खर्च में उपलब्ध होगी। हालांकि इसके लिए सेल्युलर कंपनी की सेवा भी लेनी होगी।

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