हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ भारतीय सेना का जवान
दक्षिण कश्मीर से इस महीने की शुरूआत में लापता हुआ सेना का एक जवान आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है। पुलिस अधिकारियों ने आज बताया कि वह सेना की जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री जेएकेएलआई इकाई में पदस्थापित था। वह कल समूह में शामिल हुआ। अधिकारी ने बताया कि मीर शोपियां से लापता हो गया था। वह दो स्थानीय लोगों के साथ समूह में शामिल हुआ। वे दो लोग भी लापता थे।
झारखंड में तैनात था इदरीस मीर
हालांकि सेना का कहना है कि वह लापता है और किसी आतंकवादी संगठन में उसके शामिल होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस के अनुसार मीर झारखंड में तैनात था और इसको लेकर वह नाखुश था।
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सुरक्षा एजेंसी चौकन्नी
इदरीस मीर के आतंकी संगठन में शामिल होने के बाद सुरक्षा एजेंसी भी चौकन्नी हो गई हैं। बीते कुछ दिनों में सेना से आतंकियों की मुठभेड़ में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि हिज्बुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद ने इसके बाद भी अपनी गतिविधियां बंद नहीं की हैं। आईबी की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों आतंकी संगठनों ने दक्षिण कश्मीर में युवाओं को भर्ती करने का अभियान जोरशोर से छेड़ा हुआ है। ये सभी भर्तियां सोशल मीडिया के माध्यम से की गई हैं।
2017 में 100 से भी ज्यादा युवाओं ने ज्वॉइन किया आतंकी संगठन
साल 2011 से अगर तुलना करें तो 2017 में आतंकी भर्ती की रफ्तार चौंका देती है। साल 2011 में कुल 23 आतंकियों को भर्ती किया गया था। वहीं ये आंकड़ा 2017 तक बढ़कर 100 को पार करने की कगार पर पहुंच गया है। इनमें सबसे ज्यादा भर्ती हिज्बुल मुजाहिदीन ने की है। इनमें से करीब 50 युवाओं को तो सिर्फ बारामूला जिले के आसपास से चुनकर आतंकी बनाया गया। आईबी ने बारामूला और शोपियां की पहचान सबसे अधिक आतंकियों की भर्ती वाले जिलों के तौर पर की है।