छठ महापर्व का तीसरा दिन, डूबते सूर्य को अर्ध्य देंगे व्रती

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आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। इस दिन व्रती शाम के जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना करते हैं। उपासना के दौरान उनके हाथों में सूप होता है। इस सूप में कई फल और ठेंकुआं का प्रसाद होता है।

ढलते सूर्य को अर्ध्य-

आज व्रती ढलते सूर्य को अर्ध्य देंगे।

अर्ध्य देने के बाद जल से बाहर आकर व्रती धूप-दीप जलाकर सूर्य की पूजा करते हैं।

व्रत करने वाले लोग दिन भर कुछ नहीं खाते हैं।

शरबत पीकर तोड़ते हैं व्रत-

अगले दिन सुबह का अर्ध्य के साथ ही पूजा का समापन हो जाता है।

व्रती चीनी का शरबत पीकर व्रत तोड़ते हैं।

पूजा के समापन के बाद व्रती अन्न या नमक ग्रहण करते हैं।

इस दिन ठेकुंआ का प्रसाद लोगों के बीच बांटा जाता है।

बिहार का महापर्व-

छठ की शुरुआत 31 अक्टूबर को नहाए-खाए के साथ हुई थी।

जिसके बाद 1 नवंबर को खरना का व्रत मनाया गया था।

अब बिहार के अलावा देश के कई अन्य हिस्सों में भी यह पर्व मनाया जाता है।

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