चुनाव प्रचार के एक मामले में कुमार विश्‍वास बरी

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अदालत से आप नेता कुमार विश्वास को राहत मिली है। कुमार विश्वास ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार से जुड़े एक मामले में उन्हें बरी कर दिया गया है। विश्वास के मुताबिक वह उस वक्त आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे थे। अदालत के इस फैसले के बाद कुमार विश्वास ने इशारों-इशारों में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ‘कायर’ कहा है।

“शोर थम जाएगा, आवाज बचेगी मेरी

कुमार विश्वास ने कहा है कि इस केस के लिए उन्होंने अपने दम पर वकील किया था। उन्होंने कहा कि कायरों ने मैदान छोड़ दिया। कुमार विश्वास ने अपने ट्विटर अकाउंट पर नया प्रोफइल पिक्चर लगाते हुए ट्वीट किया, “शोर थम जाएगा, आवाज बचेगी मेरी।” इसके बाद उन्होंने अदालत के फैसले की जानकारी देते हुए लिखा, “AAP की दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार से जुड़े एक मामले में बरी हो गया, इसके लिए मैंने अपना निजी वकील लगाया था।

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कई दर्जन और राजनीतिक केस चल रहे हैं। कायरों ने रणक्षेत्र छोड़ दिया लेकिन जंग और आग चलती रहनी चाहिए। जय हिंद।”बता दें कि कुछ दिन पहले कुमार विश्वास ने आरोप लगाया था कि पार्टी का प्रचार करते हुए उनपर कई केस किये गये थे लेकिन आम आदमी पार्टी द्वारा अब उन्हें कोई मदद नहीं दी जा रही है। हालांकि आम आदमी पार्टी नेता अंकित लाल ने कुमार विश्वास के इन आरोपों को गलत बताया था। अंकित लाल ने बकायदा दस्तावेज दिखाकर बताया था कि किन-किन केस में आप ने कुमार विश्वास को कानूनी सहायता और वकील मुहैया कराई थी।

अरविंद केजरीवाल और चार अन्य पहले ही माफी मांग चुके हैं

इधर अरुण जेटली मानहानि मामले में हाईकोर्ट ने कुमार विश्वास को नोटिस भेज अगले महीने हाजिर होने को कहा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को आप के असंतुष्ट नेता कुमार विश्वास से जानना चाहा कि क्या वह डीडीसीए विवाद में उनके खिलाफ केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में अरूण जेटली से जिरह करना चाहते हैं। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और चार अन्य पहले ही माफी मांग चुके हैं।

विश्वास को छोड़कर मुख्यमंत्री और अन्य को बरी कर दिया था

न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ ने विश्वास के वकील से कहा कि वह तीन मई को सुनवाई की अगली तारीख पर आप नेता को पेश करें। उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केजरीवाल और आप के चार अन्य नेताओं के खिलाफ मानहानि के दो मुकदमों को बंद कर दिया था जब समझौते की एक संयुक्त अर्जी अदालत के समक्ष पेश की गई थी। निचली अदालत ने आपराधिक मानहानि के मामले में आप के बागी नेता कुमार विश्वास को छोड़कर मुख्यमंत्री और अन्य को बरी कर दिया था। 26 अप्रैल की सुनवाई के दौरान जेटली की ओर से उपस्थित अधिवक्ता माणिक डोगरा ने कहा कि विश्वास का मामला अकेला नहीं टिक सकता क्योंकि आप के शेष नेता पहले ही माफी मांग चुके हैं।

जनसत्ता

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