बांग्लादेश में तख्तापलट, सेना ने ली हाथों में कमान
ढाका: बांग्लादेश से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पिछले कई महीनों से आरक्षण को लेकर शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब पूरी तरह से हिंसा में तब्दील हो चुका है. हिंसा के बीच सोमवार को पड़ोसी देश में तख्ता पलट हो गया. शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत आ गई हैं.
सेना ने संभाली कमान…
बता दें कि हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश सेना के प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. सेना प्रमुख ने कहा, “पीएम शेख हसीना के इस्तीफा के बाद अब अब हम शासन करेंगे. अंतरिम सरकार का गठन करके देश चलाएंगे. हमारे देश का नुकसान हो रहा है. संपत्ति का नुकसान हो रहा है. मुझे दायित्व दीजिए, मैं सब संभाल लूंगा.”
देश को अंतरिम सरकार से चलाएंगे
जनरल वकार-उज-जमान ने कहा कि आपकी जो मांग है, उसे हम पूरा करेंगे. देश में शांति वापस लाएंगे. हम इस देश को अंतरिम सरकार से चलाएंगे.” उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा, “तोड़फोड़-आगजनी मारपीट से दूर रहिए. आप लोग हमारे साथ मिलकर चलेंगे, तो हालात सुधरेंगे. मारपीट हिंसा से कुछ नहीं मिलेगा. संघर्ष और अराजकता से दूर रहिए.”
प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना के दफ्तर में लगाई आग
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग चीफ शेख हसीना के दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया है. इसके बाद प्रदर्शनकारी पीएम आवास में घुस आए.
भीड़ ने ढाका में शेख हसीना के पिता और बंग बंधु के नाम से पहचाने जाने वाले शेख मुजीर्बरहमान की प्रतिमा को भी तोड़ दिया. शेख मुजीर्बरहमान बांग्लादेश के जनक थे.
प्रदर्शनकारियों ने किया लॉन्ग मार्च का आह्वान…
बता दें कि बांग्लादेश में अब हालत वैसे बनते जा रहे हैं जैसे कुछ समय पहले पाकिस्तान में बने थे. पाकिस्तान की तरह ही अंदरूनी कलह से जूझ रहे बांग्लादेश में लॉन्ग मार्च का आह्वान किया गया. छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की थी.
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पूरे देश में लगा है अनिश्चितकालीन कर्फ्यू..
प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने रविवार शाम छह बजे से देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है. साथ ही सरकारी एजेंसियों ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’, ‘मैसेंजर’, ‘व्हॉट्सऐप’ और ‘इंस्टाग्राम’ को बंद करने का आदेश दिया है.
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सोमवार, मंगलवार और बुधवार को तीन दिवसीय सामान्य अवकाश घोषित किया गया है.
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कुछ दिन पहले ही पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हुए हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए थे. छात्र विवादास्पद कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे थे. यह प्रणाली 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले दिग्गजों के रिश्तेदारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देती है.