‘तीन तलाक’ पर फैसला स्वागत योग्य : सिब्बल
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मंगलवार को सर्वोच्च अदालत के तीन तलाक पर आए फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह एक पल में तलाक दे दिए जाने का विरोध करते हुए निजी कानूनों को संरक्षित करता है। सिब्बल ने संवाददाताओं को बताया, “हम इस फैसले की प्रशंसा करते हैं। यह निजी कानूनों को संरक्षित करता है और तीन तलाक पर रोक लगाता है।”
कानून नहीं बनाया जा सकता, लेकिन यह बुरी प्रथा है
सिब्बल ने कहा, “न्यायाधीश रोहिंटन फली नरीमन का कहना है कि तीन तलाक की प्रथा बुरी है और इसके लिए कानूना बनाया जा सकता है, जबकि न्यायाधीश जोसेफ कुरियन का कहना है कि इस पर कानून नहीं बनाया जा सकता, लेकिन यह बुरी प्रथा है।”
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तलाक के लिए कोई संवैधानिक सुरक्षा नहीं है
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंगलवार को मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक की प्रथा को ‘असंवैधानिक’, ‘मनमाना’ और ‘इस्लाम का हिस्सा नहीं’ बताया गया।सर्वोच्च अदालत के पांच न्यायाधीशों की पीठ में दो के मुकाबले तीन न्यायाधीशों ने कहा कि तीन तलाक के लिए कोई संवैधानिक सुरक्षा नहीं है।
अल्पसंख्यक फैसले का हिस्सा है इसलिए वह लागू नहीं होता
न्यायमूर्ति न्यायाधीश जे.एस.खेहर और न्यायाधीश एस.अब्दुल नजीर ने अपने फैसले में कहा कि तीन तलाक इस्लाम का अंदरूनी मामला है और यह संवैधानिक सुरक्षा देता है। खेहर ने अपने फैसले में संसद से इस मुद्दे पर कानून पारित करने का आग्रह किया।सिब्बल ने कहा, “न्यायाधीश जे.एस. खेहर ने जो कहा कि वह अल्पसंख्यक फैसले का हिस्सा है इसलिए वह लागू नहीं होता।”
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