शिक्षिका के 3 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी में आठ और जालसाज गिरफ्तार

दो बैंकों के अधिकारी समेत छह जालसाज पहले किये जा चुके हैं गिरफ्तार

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वाराणसी में फर्जी पुलिस व ट्राई अधिकारी बनकर शिक्षिका से 3 करोड़ 55 लाख की धोखाधड़ी करने वाले आठ शातिर जालसाजों को साइबर थाने की पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. इससे पहले इसी मामले में पुलिस छह जालसाजों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. इन आठ जालसाजों की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में पकड़े गये जालसाजों की संख्या 14 हो गई है. पकड़े गये जालसाज दिल्ली और हरियाणा के रहनेवाले हैं. पुलिस ने इनके कब्जे से 6 मल्टीमीडिया मोबाइल, एटीएम कार्ड, चेक बुक, आधार कार्ड, 3.70 लाख नगद बरामद किया है.

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डीसीपी क्राइम ने सोमवार को अपने कार्यालय में जालसाजों को मीडिया के सामने पेश कर इनके कारनामों का खुलासा किया. बताया कि पकड़े गये आठ जालसाजों में दिल्ली के वेस्ट साउथ वेस्ट जिले के आरके पुरम थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर गांव के महेंद्र सिंह सोलंकी, बसंतकुंज थाना क्षेत्र के महिपालपुर के सुशील कुमार यादव, साउथ दिल्ली के तिगड़ी थाना क्षेत्र के संगम बिहार निवासी टीटू कश्यप, हरियाणा गुंड़गांव के पालमपुर थाना क्षेत्र के आकाश गुप्ता, राजेंद्र पार्क के साहिल कटारिया, खुशराली सेक्टर के तरूण सेहरावत, नया शहर बीकानेर थाना क्षेत्र के मुरलीधर व्यास कालोनी के सुनील विश्नोई और हरियाणा गुरूग्राम सेक्टर 56 थाना क्षेत्र के मयंक भगेरिया हैं. उन्होंने बताया कि इन जालसाजों का लम्बा नेटवर्क हैं. ट्राई और पुलिस के फर्जी अधिकारी बनकर यह गिरोह कईयों को चूना लगा चुका है. गौरतलब है कि इन जालसाजों ने सिगरा निवासिनी शिक्षिका शम्पा रक्षित को 3 करोड़ 55 लाख का चूना लगा दिया था. इसके बाद शिक्षिका ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इससे पहले इसी मामले में गिरफ्तार छह आरोपितों के पास से धोखाधड़ी के पैसों में से पुलिस ने 13 लाख 63 हजार रुपए नकद बरामद किए थे. साथ ही इनके विभिन्न बैंक खाते में जमा लगभग 65 लाख रुपए सीज करा दिये गये थे.

यह था पूरा मामला

डीसीपी ने बताया कि आवेदिका शम्पा रक्षित को 8 मार्च अज्ञात मोबाइल नंबर से काल आया. फोन करनेवाले ने खुद को टेलिकाम रेगुलेटरी अथारिटी का कर्मचारी बताया. कहा कि आपका फोन अगले दो घंटे में बंद हो जाएगा. अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा. पीड़िता शम्पा के पास तुरंत बाद फोन आया. वह अपने को विनय चौबे, विले पार्ले पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र का होना बताकर एक दूसरा मोबाइल नंबर बताते हुए कहा कि आपने घाटकोपर से यह मोबाइल नंबर लिया है. इससे आप अवैध काम कर रही हैं. पीड़िता ने बताया कि यह मोबाइल नम्बर उनका नहीं है. इस पर फर्जी पुलिसकर्मी ने अरेस्ट वारंट होने की धमकी देकर डरवाया और  विले पार्ले पुलिस स्टेशन आने की बात कही. जब महिला ने आने से मना किया तो कथित पुलिसकर्मी ने अपने सीनियर से बात करने को बोला. पीड़ित महिला से KYEP एप डाउनलोड करवाया. डीसीपी ने बताया कि इस गैंग के फर्जी पुलिसकर्मी में दूसरे साथी ने महिला से बात की. गिरफ्तारी का भय दिखाकर घर में रहने और घटना की किसी को जानकारी न देने को कहा. इसके बाद महिला को डराकर उसका बैंक का पूरा डिटेल ले लिया गया और सारे पैसों को तथाकथित रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया  के खाते में डालने को बताया गया. जालसाजों ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद आपके पैसे वापस आ जाएंगे और गिरफ्तारी नही होगी. बाद में महिला को ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने साईबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया.

निजी बैंकों के रीजनल हेड और कैशियर में रहे शामिल

आपको बता दें कि इस बड़ी जालसाजी में इससे पहले गिरफ्तार आरोपितों में आईसीआईसीआई बैंक लखनऊ के रीजनल हेड सरफराज आलम निवासी कोतवाली नगर फैजाबाद और एचडीएफसी बैंक लखनऊ के कैशियर नुरूलहुदा निवासी कोतवाली नगर फैजाबाद शामिल थे. इसके अलावा मोहम्मद तौफिक खान निवासी पिपरा रामचंद्र (अतरौला) बलरामपुर, आरिफ अहमद खान निवासी इंदिरा नगर लखनऊ, सूरत के रहने वाले ओम अश्विन भाई गोयानी और नीरव बटुक भाई गोटी शामिल रहे. इन्हें जेल भेजा जा चुका है. अब इन आठ जालसाजों को गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, इंस्पेक्टर अनीता सिंह, एसआई सतीश सिंह, संजीव कनौजिया, हेड कांस्टेबल श्याम लाल गुप्ता, आलोक कुमार सिंह, कांस्टेबल देवेंद्र कुमार, पुनीत यादव, प्रीति सिंह रहीं.

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