यूपी एटीएस की वाराणसी इकाई ने मंगलवार को बांग्लादेश से जाली मुद्रा लाकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में खपानेवाले गिरोह के दो शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एटीएस की टीम ने इनके पास से 45 हजार की जाली भारतीय मुद्रा बरामद किया है. एटीएस दोनों से पूछताछ के बाद गिरोह से जुड़े नेटवर्क का पता लगा रही है.
Also Read : Varanasi: टूर-ट्रैवेल कम्पनी के फाउंडर समेत चार पर FIR
एटीएस अधिकारियों को मुखबिर से सूचना मिली कि यूपी के कुछ लोग बांग्लादेश से जाली मुद्रा लाकर देश में खपानेवाले पश्चिम बंगाल के गिरोह के सम्पर्क में हैं. बांग्लादेश में छपनेवाली भारतीय मुद्रा को लाकर यूपी के विभिन्न जिलों में खपाते हैं. पता चला कि जाली नोटों की तस्करी करनेवाले गिरोह के विपिन गुप्ता उर्फ अवनीश और अंकुर मौर्य वाराणसी आनेवाले हैं. इनकी घेरेबंदी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. तलाशी में इनके पास से 45 हजार जाली नोट मिले. यह दोनों पश्चिम बंगाल के फरक्का के रहनेवाले गिरोह के साथियों से जाली नोट लेकर वाराणसी आए थे. अधिकारियों ने बताया कि तस्कर विपिन गुप्ता और अंकुर मौर्य अम्बेडकर नगर जिले के टांडा कोतवाली के चिंतौरा के रहनेवाले हैं. दोनों जाली नोटों की तस्करी में पहले भी जेल भेजे जा चुके हैं.
27 जनवरी को भी पकड़े गये थे दो तस्कर
गौरतलब है कि इससे पहले 27 जनवरी को उत्तारप्रदेश में जाली मुद्रा चलाने वाले गिरोह के दो और तस्करों को एटीएस ने लालपुर पांडेयपुर थाना क्षेत्र के सोयेपुर से गिरफ्तार किया था. उनके पास से 97 हजार 500 रुपये भारतीय जाली मुद्रा बरामद हुई थी. गिरफ्तार दीपक कुमार और चंदन सैनिक प्रतागपढ़ के रानीगंज के निवासी थे. इनके पास से बंगाल आने जाने का फ्लाइट टिकट भी बरामद हुआ था. यह दोनों नशीले पदार्थों की तस्करी भी करते थे.
इससे पहले भी पकडे जा चुके हैं तस्कर
साल 2019 में वाराणसी में एटीएस और पुलिस ने मिलकर वाराणसी के कैंट इलाके से जाली नोटों के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया था. उसके पास से दो लाख दस हजार रुपये की जाली भारतीय मुद्रा बरामद हुई थी. गिरफ्तार दीपक साहनी पूर्वी चंपारण बिहार के हर सीधी के वार्ड दुदही निवासी था. आरोपित पश्चिम बंगाल के मालदा से नकली भारतीय मुद्रा लेकर हरियाणा जा रहा था. इसी तरह आतंकवाद निरोधक दस्ता ने जाली नोटों का धंधा करने वाले दो तस्करों को वाराणसी के सिगरा इलाके से गिरफ्तार किया था. इनके कब्जे से करीब दो लाख रुपये की जाली भारतीय मुद्रा बरामद की गई थी. दोनों की पहचान झारखंड के रांची के जगन्नाथपुर निवासी सत्तार अंसारी और नेजमननगर निवासी दानिश अंसारी के रूप में की गयी थी.