मंडी में बारिश से आई बाढ़ में बह गए कई मंजिला घर, 7 राज्यों में मचा त्राहिमाम
देश में मानसूनी बारिश से आई बाढ़ से सात राज्यों में त्राहिमाम मचा हुआ है। चौतरफा से मिल रहीं रोंगटे खड़ी कर देने वाली तस्वीरों ने इन राज्यों का जो हाल बयां किया है वह डराने वाला है। इनमें सबसे बड़ी त्राही हिमाचल प्रदेश में देखने को मिल रही हैं। हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश के बाद ब्यास नदी का जलस्तर इनता बढ़ गया कि कुल्लू, शिमला, मंडी में बाढ़ आ गई है। बाढ़ के पानी में पूरे के पूरे शहर समा गए हैं। मंडी की तस्वीरों में बाढ़ का पानी कई मंजिला इमारतों को अपने साथ ही बहा ले गया। उधर सोमवार की देर शाम मंडी में बादल फटने से हालत बेकाबू होते जा रहे हैं। अब तक हिमाचल प्रदेश में काफी नुकसान हो चुका है। बाढ़ में फंसकर कई लोगों की जानें चली गई हैं।
हिमाचल में बादल फटने से तबाही
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने के बाद ब्यास नदी के ऊफान की रफ्तार ने चारों तरफ कोहराम मचा दिया है। लगातार प्रदेश से दिल कचोटने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा हो रही हैं। मंडी, कुल्लू, मनाली और शिमला में पचासों कारें, घर, पुल बाढ़ में बह गए हैं।
- बादल फटने के बाद ब्यास नदी में अचानक बाढ़ आ जाने से कुल्लू-मनाली में कई गाड़ियां बह गईं। भूस्खलन से मनाली-लेह, चंडीगढ़-मनाली समेत पांच नेशनल हाईवे, 736 सड़कें बंद हो गई हैं। हेरिटेज कालका-शिमला ट्रैक पर मलबा गिरने से ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है
- हिमाचल प्रदेश में तीसरे दिन भी मूसलाधार बारिश का कहर जारी है। शिमला जिले की ठियोग तहसील के पलवी गांव में सोमवार सुबह 11 बजे एक मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान दीप बहादुर, देवदासी और मोहन बहादुर के तौर पर हुई है। मनाली में तीन वोल्वो बसों के बहने की सूचना है। चार लोग बहने से लापता हैं। तीन लोग मनाली से बह गए हैं। एक गाड़ी सहित बहा है।
- 6 नेशनल हाईवे समेत 828 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। कुल्लू में दो दिन का लोकल हॉलीडे घोषित किया गया है। डीसी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। कुल्लू के अखाड़ा बाजार में बैली ब्रिज को भारी नुकसान हुआ है। आवाजाही बंद कर दी गई है। जिला ऊना के उपमंडल बंगाणा क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में रविवार देर रात तथा सोमवार सुबह को लगातार हो रही बारिश से यातायात प्रभावित है। वहीं कुछ स्थानों पर रिहायशी मकान तथा गोशालाएं गिर गई हैं।
- बारिश से ब्यास नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। नदी के तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। ब्यास किनारे कई घर व होटल बह गए हैं। वहीं पार्वती व तीर्थन नदी व अन्य नदी नालों में बाढ़ जैसे हालात हैं। नदी किनारे बसें गांवों व घरों में पानी घुस गया है।
- कुल्लू जिले में दो दिनों से ब्लैकआउट है। सड़कें व पेयजल आपूर्ति बंद होने से लोग और सैलानी परेशान हैं। मनाली के किसान भवन में फंसे सभी 29 लोगों को सोमवार सुबह रेस्क्यू कर सुरिक्षत निकाल लिया गया है। इसमें कई सैलानी भी मौजूद हैं।
बारिश से 7 राज्यों में हाहाकार
बताया जा रहा है कि 52 साल बाद मानसून ने इतना कहर मचाया है। भारी बारिश ने उत्तर और पश्चिम भारत को हिला दिया है। हिमाचल प्रदेश समेत पहाड़ी राज्यों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते 24 घंटे में मूसलाधार बारिश के चलते यहां भूस्खलन, बादल फटने, घर ध्वस्त होने, पेड़ और बिजली गिरने से 56 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा हिमाचल प्रदेश से हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद जिले में मौतें दर्ज की गई हैं। जबकि उत्तराखंड में 6, दिल्ली में 3, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा व पंजाब में दो-दो की जान गई। बता दें कि यह आंकड़ा आज सुबह 12 बजे तक के बीच का है।
ब्यास नदी के पानी में समा गए कई घर
हिमाचल प्रदेश के मंडी में ब्यास नदी का ऊफान सबसे ज्यादा देखने को मिला है। सोमवार को बादल फटने के बाद मंडी में ब्यास नदी में बाढ़ आ गई। बाढ़ का पानी मंडी के पहाड़ी इलाकों में घुस गया और अपने तेज बहाव में कई घर और पुल बहा ले गया। इसमें मंडी का 40 साल पुराना पुल भी टूटकर बह गया। इसी के साथ जैसे बाढ़ का पानी बस्तियों में घुसा तो त्राहिमाम मच गया। कई यात्रियों से भरी कई बसें बाढ़ में फंस गई। एनडीआरएफ की टीमों ने पहुंचकर रहात बचाव कार्य शुरू किया। इसके साथ ही बाढ़ के घातक रूप ने कई एटीएम और दुकानें को ध्वस्त कर दिया।
दिल्ली में यमुना भी ऊफान पर
हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ से हुए नुकसान का अभी अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। उधर दिल्ली और उत्तराखंड में बाढ़ ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। दिल्ली में यमुना नदी भी अब खतरे के निशान पर बह रही हैं। जिससे दिल्ली से सटे राज्यों में बाढ़ का पानी जाने की आशंका है। हालांकि उत्तर प्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद में दिल्ली की सीमा पर बसे होने की वजह से बाढ़ का पानी बस्तियों तक पहुंच गया है। दिल्ली की तरह ही नोएडा और गाजियाबाद में भी लोग घरों के अंदर कैद हो गए हैं।
उत्तर रेलवे ने रद्द की 17 ट्रेनें
दिल्ली में 41 साल बाद जुलाई में एक दिन में 153 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश के चलते उत्तर रेलवे ने 17 ट्रेनें रद्द कर दी हैं। 12 ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े हैं।
मौसम विभाग ने इन राज्यों को चेताया
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश सहित 7 राज्यों के लिए अगले 48 घंटों में भारी बरसात को लेकर रेड व ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पंजाब के कई इलाकों में ट्रैक पर पानी भरने से अंबाला से ऊना-अंब-दौलतपुर चौक आने वाली वंदे भारत समेत अन्य ट्रेनों की आवाजाही ठप रही। श्रीखंड महादेव यात्रा दो दिन के लिए निलंबित कर दी गई है। राजस्थान के हनुमानगढ़ में छह इंच पानी बरसा है। वहीं, झुंझुनूं व सीकर में बाढ़ जैसे हालात हैं।
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