दिल्ली विश्वविद्यालय कराएगा छात्र संघ चुनाव, कोरोना काल में हुआ था बंद
पिछले तीन साल से प्रतिबंधित दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (DUSU) चुनाव इस साल से फिर से शुरू किया जा रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय इस बार छात्र संघ चुनाव का आयोजन करने जा रहा है। तीन साल पहले कोविड प्रोटोकॉल के तहत छात्र संघ चुनाव को बैन कर दिया गया था।
दिल्ली यूनिवर्सिटी में होगा छात्र संघ चुनाव
दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन को देश का सबसे चर्चित छात्र संघ चुनाव माना जाता है। इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव आयोजित किया जाएगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर रजनी ने इस संबंध में जानकारी दी है। चीफ प्रॉक्टर रजनी ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया और परीक्षाओं के बाद उचित समय पर यह छात्र संघ चुनाव कराया जाएगा। आने वाले समय में बैठक करके इसके तारीखों को का भी ऐलान होगा।
छात्र कर रहें प्रशासन से अपील
नई दिल्ली विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र आशुतोष सिंह ने भी बातचीत के दौरान बताया कि हम छात्र संघ चुनाव को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं। एक बार फिर दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील करेंगे कि जल्द से जल्द चुनाव तारीखों का ऐलान किया जाए। क्योंकि यह विषय छात्र हित और अधिकारों से जुड़ा हुआ है।
सितंबर में हो सकते हैं छात्र चुनाव
दिल्ली विश्वविद्यालय के करीबी से मिली जानकारी के अनुसार, सितंबर माह में छात्र संघ चुनाव कराए जा सकते हैं। बता दें कि इससे पहले 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव हुए थे। जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में 3 सीट और एनएसयूआई ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी।
एडिमिशन में व्यस्त हैं यूनिवर्सिटी के अधिकारी
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी के अनुसार वर्तमान में विश्वविद्यालय प्रवेश प्रक्रिया में व्यस्त है, इसके अंत तक हम चुनाव अभ्यास की तैयारी शुरू कर देंगे। अधिकारी ने आगे कहा कि चुनावों का भाग्य एडमिशन पर निर्भर करता है, जितनी जल्दी यह खत्म होगा, हम छात्र चुनावों की प्रक्रिया शुरू कर देंगे।
साल 2019 में हुआ था चुनाव
साल 2023 से पहले पहले दिल्ली विश्वविद्याल छात्र संघ चुनाव 2019 में हुआ था। पिछले साल 2019 में भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में तीन सीटें जीतीं थीं। वहीं कांग्रेस के छात्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) को एक सीट मिली थी। एबीवीपी के छात्र नेता अक्षित दहिया ने 29,000 से अधिक वोटों से डूसू अध्यक्ष पद जीतकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इसके बाद साल 2020 में कोविड-19 आने के बाद इसे बैन कर दिया गया था।
चुनावी मैदान में दो पार्टियां प्रमुख
एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर की दो प्रमुख छात्र पार्टियां हैं। दोनों ही संगठन वोट के लिए छात्रों का ध्यान खीचने के लिए तैयारियां रखी हैं। दोनों राजनीतिक दलों का कहना है कि छात्र संघ चुनाव राजनीतिक नहीं, सामाजिक है और छात्र सक्रियता का हिस्सा हैं।
जीतने वाली पार्टी छात्रों के लिए चलाएगी बसें
एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों राजनीतिक संगठनों चुनावी मुद्दे भी निर्धारित कर रखे हैं। दोनों पार्टियों ने प्रवेश सत्र के दौरान छात्रों को चुनाव में सहयोग के लिए प्रलोभन देना भी शुरू कर दिया है। एनएसयूआई ने प्रवेश सत्र के दौरान छात्रों को सलाह देने के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की है। दूसरी ओर एबीवीपी सीयूईटी के लिए मुफ्त क्रैश कोर्स प्रदान कर रही है। इसके साथ ही छात्रों के लिए मेट्रो में रियायत और छात्रों के लिए विशेष बसें अभियान में प्राथमिकताएं देंगे।
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