एयर इंडिया केस: DGCA ने AI पर लगाया 30 लाख रुपये का जुर्माना, रद्द हुआ पायलट-इन-कमांड का लाइसेंस

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एयर इंडिया की फ्लाइट में हुए पेशाब केस में फिर से एक नया मोड़ सामने आया है. इस मामले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयर इंडिया कंपनी पर नियमों के उल्लंघन के लिए भारी-भरकम जुर्माना लगाया है. डीजीसीए ने एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही, अपनी ड्यूटी करने में नाकाम रहने के लिए फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड के लाइसेंस को 3 महीने के लिए रद्द कर दिया है. इसके अलावा, एयर इंडिया की निदेशक-इन-फ्लाइट सेवाओं पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. बता दें यह घटना 26 नवंबर, 2022 को एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-नई दिल्ली की फ्लाइट के बिजनेस क्लास में हुई थी.

दरअसल, पायलट-इन-कमांड के खिलाफ लगाए गए आरोपों में आरोपी शंकर मिश्रा को नई दिल्ली में लैंडिंग पर पुलिस को रिपोर्ट नहीं करना और वरिष्ठ नागरिक के भयानक अनुभव के बाद प्रथम श्रेणी में सीटें खाली होने के बावजूद वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करना शामिल है. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने फ्लाइट के पूरे केबिन क्रू से पहले पूछताछ की थी.

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डीजीसीए ने एयर इंडिया के जवाबदेह प्रबंधक, एयर इंडिया के निदेशक इन-फ्लाइट सर्विसेज और उस फ्लाइट के सभी पायलटों और केबिन क्रू सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि उनके विनियामक दायित्वों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न लागू की जाए. डीजीसीए ने अपने एक बयान में कहा कि एयर इंडिया के लिखित उत्तर और इसमें शामिल कर्मियों की जांच की गई.

इससे पहले, आरोपों को लेकर एयर इंडिया ने एक जांच कमेटी बनाई थी, जिसमें एयर इंडिया ने बुजुर्ग महिला सह-यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा पर 4 महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था. एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि उसे पहले ही एयरलाइन की ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाल दिया गया है. वहीं, आरोपी के वकील वकील अक्षत बाजपेई ने कहा था कि कमेटी का फैसला गलत है. जांच कमेटी ने गलती से मान लिया कि बिजनेस क्लास में सीट 9बी थी, जबकि क्राफ्ट के बिजनेस क्लास में कोई सीट 9बी नहीं है. वहां केवल 9ए और 9सी सीट हैं. उन्होंने बताया कि समिति ने अनिवार्य रूप से एक संभावना तैयार की है कि उनके मुवक्किल ने वहां पर पेशाब किया.

इस मामले पर एयर इंडिया ने डीजीसीए के साथ इंटरनल समिति की रिपोर्ट की एक कॉपी शेयर की है और देश में संचालित अन्य एयरलाइनों को भी इसे सूचित करेगी. एयर इंडिया का बयान पढ़ने के बाद पूर्व जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में स्वतंत्र 3 सदस्यीय आंतरिक समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि शंकर मिश्रा ‘अनियंत्रित यात्री’ की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं और नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार 4 महीने की अवधि के लिए उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

 

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